जंहा देखो वंही पर,कूड़े का अम्बार है !!
पल पल जहर मे, जी रहा हर एक परिवार है !!
देख कर भी मुँह फेर लेते, अफसर यंहा के,
यही हमारे प्रिय,शहर की सरकार है !!
शुभम की कलम से ✍️
जंहा देखो वंही पर,कूड़े का अम्बार है !!
पल पल जहर मे, जी रहा हर एक परिवार है !!
देख कर भी मुँह फेर लेते, अफसर यंहा के,
यही हमारे प्रिय,शहर की सरकार है !!
शुभम की कलम से ✍️