20 जुलाई को एक महिला की बीमारी से मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार से पहले गांव के कुछ दबंगों ने आकर मृतक के परिवार वालों को रोक दिया। मृतक का 6 साल का बेटा इन सब बातों से अनजान था। उसे तो यह भी पता था कि मां अब कभी नहीं उठेगी। बच्चा अपने दादा की मदद से मां की चिता के चक्कर लगा रहा था और मुखाग्नि देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दबंगों ने उसे रोक दिया।
उत्तर प्रदेश में जातिवाद किस कदर लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर हावी है, इसकी बानगी आगरा में दिखी। यहां एक दलित महिला की मौत के बाद परिवार वालों ने गांव के बाहर एक श्मशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की। लेकिन कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठाने को कहा। वे कहने लगे कि श्मशान घाट उनका है, दलित यहां अंतिम संस्कार नहीं कर सकते।