सपा का रायबरेली में जोरदार प्रदर्शन ,योगीराज में भ्रष्टाचार और घोटाला चरम सीमा पर - इ. वीरेन्द्र यादव
रायबरेली। प्रदेश की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते कोरोना संकट बढ़ा, किसान, नौजवान, बुनकर और समाज के दूसरे कमजोर वर्गो की उपेक्षा, आरक्षण पर वार हुआ, कानून व्यवस्था पूर्णतया ध्वस्त है, समाजवादी कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और घोटाले चरम सीमा पर है महिलाएं-बच्चियाँ असुरक्षित है सरकार का जनहित से कोई सरोकार नहीं रह गया है। उक्त उद्गार समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ई. वीरेन्द्र यादव ने कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कही। जिलाध्यक्ष ई. वीरेन्द्र यादव के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया। जिलाधिकारी की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट युवराज सिंह ने ज्ञापन प्राप्त किया गया। ज्ञापन को पहुँचाने क आश्वासन दिया। महामहिम राज्यपाल को भेजे गये ज्ञापन में लिखा गया कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों अराजकता की स्थिति है। कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है, कई हजार मौतें हो चुकी हैं, अस्पतालों में इलाज की सुचारू व्यवस्था नहीं है। दो मंत्री भी अपनी जान गवाँ बैठे जबकि अन्य कई संक्रमित पाए गए हैं। वेंटीलेटर और पी.पी.ई. किट का अभाव है, जहाँ वेंटीलेटर है वहाँ स्टाफ नहीं। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। प्रदेश में वही अस्पताल हैं जो समाजवादी सरकार के समय बने थे। कैंसर अस्पताल भी तभी बना परन्तु आज तक उसका सुचारू रूप से संचालन नहीं है। किसान बदहाली का शिकार है। सरकार अभी तक गन्ना किसानों का बकाया अदा नहीं कर सकी है, ब्याज की बात तो दीगर है, खाद, बीज, कीटनाशक उसकी आय दुगनी करने का झूंठा वादा किया है। बिजली का बिल और डीजल के दाम बढ़ाकर खेती को चैपट किया जा रहा है। हजारों किसान तंगहाली में आत्महत्या कर चुके हैं। बेमौसम बरसात और बाढ़ से तबाह किसान को मुआवजा तक नहीं बंट पाया है। भाजपा सरकार किसान को कारपोरेट घरानों का बंधक बनाने की तैयार कर रही है, राज्य सरकार को किसानों की चिंता नहीं है। प्रदेश का नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहा है। लाकडाउन पीरियड में तमाम संस्थानों ने कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। नोटबंदी, जीएसटी ने व्यापार चैपट कर दिया है। सरकार ने अब सरकारी नौकरी की भर्ती आउटसोर्स से कराने का इरादा किया है, जिसमें पांच साल संविदा में नौकरी करनी होगी, इसमें भी दक्षता परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक मिलने पर आगे नौकरी चलेगी अथवा छंटनी हो जाएगी। यह युवा प्रतिभा को बंधुआ मजदूर बनाने की प्रक्रिया है, जिसमें न तो पदनाम मिलेगा और न ही सेवा नियमावली 1999 के अनुमन्य लाभ भी मिलेंगे। कृपया युवाओं के शोषण की इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से निरस्त कराने की कृपा करें। भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार देने के और राज्य में पूंजी निवेश के झूठे दावे कर रही है। हकीकत यह है कि प्रदेश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, विनिर्माण, संचार, होटल आदि व्यवसाय बढ़ते घाटे के कारण बंद हो रहे हैं। सरकार यह नहीं बताती कि प्रदेश में कहां कितना पूंजी निवेश हुआ है। किस बैंक ने किसे कितना कर्ज दिया है? प्रदेश में विकास अवरूद्ध है। पांच महीनों में तीन गुना मनरेगा मजदूर घट गए हैं। राजधानी में ही उनकी 331 करोड़ रूपये की मजदूरी बकाया है। शिक्षा के क्षेत्र में तो पूरी अव्यवस्था है। गरीब छात्रों को पात्रता के बावजूद बड़े स्कूल प्रवेश नहीं दे रहे हैं। अभिभावकों से स्कूल बंदी के दिनों की भी फीस वसूल रहे हैं। बड़े स्कूल प्रबन्धकों की मनमानी पर कोई रोक नहीं है। सरकारी नौकरी में तो आरक्षण पर कटौती हो ही रही है। अब दलित छात्रों के निःशुल्क प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। आनलाइन पढ़ाई से गरीब छात्र स्मार्टफोन लैपटाप न होने से वंचित रहेंगे। शिक्षा दिन पर दिन मंहगी होती जा रही है। बाजार में मंहगाई से जनता की कमर टूट गई है। कालेधंधे के कारोबारियों, मिलावटखोरों पर लगाम नहीं है। समाजवादी सरकार के समय बुनकरों के कल्याण व उनकी आर्थिक मजबूती के लिए बिजली फ्लैट रेट पर देने का निर्णय लिया गया था। भाजपा सरकार ने जनवरी-2020 से यह सुविधा खत्म कर दी है। अब 31 जुलाई तक फ्लैट रेट पर बिजली देने का फैसला सिर्फ भटकावे के लिए है, क्योंकि 1 अगस्त 2020 से नई व्यवस्था लागू होगी। बुनकरों को पुराने बकाया के नाम पर भी प्रताड़ित किया जा रहा है। अब तक एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार जनता को परेशान करने में चूक नहीं करती है। पावर कारपोरेशन के स्लैब परिवर्तन का विरोध हुआ तो अब नए सिरे से बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव है। 4 किलोवाट का बिजली का फिक्स चार्ज 330/- रूपये प्रतिमाह है इसे बढ़ाकर 360 रूपये करने का इरादा है। स्मार्ट मीटर के नाम पर भी खूब लूट हुई है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि वर्तमान संकट के दौर में उपभोक्ताओं के 5 माह के बिजली के बिल माफ किये जायें और किसानों के ट्यूबवेलों से सभी प्रकार के मीटर हटाकर पुरानी व्यवस्था लागू की जाए। भाजपा राज में पुलिस मित्र तो नहीं बन सकी, उत्पीड़न की एजेंसी जरूर बन गई है। अपराधियों को खौफ नहीं रह गया है। हालत इतनी बुंरी है कि पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी अपराधिक साजिशों में शरीक पाए जा रहे हैं। प्रदेश में जानमाल की सुरक्षा नहीं रह गई है। महिलाएँ और बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। हत्या, लूट, अपहरण का बाजार गर्म है। जनता किससे न्याय की आशा करे? फर्जी एनकाउण्टर और हिरासत में मौतों की वजह से देशभर में प्रदेश की बदनामी हो रही है। मुख्यमन्त्री जी की ठोको नीति से निर्दोष मारे जा रहे हैं। अपराधियों और ब्यूरोक्रेसी की मिली भगत से सचिवालय तक में ठगी के अड्डे बन गए हैं और लूटों की नई संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। अवैध कार्यो में भाजपा नेताओं की संलिप्तता भी पाई जाती है। राज्य सरकार अपनी अपराध के खिलाफ कथित जीरो टालरेंस नीति तो लागू नहीं कर सकी, खिसियाकर यह विशेष सुरक्षा बल 2020 ले आई है, जिसमें बिना वारंट सर्च और गिरफ्तारी की व्यवस्था है। यह तानाशाहीपूर्ण और पूर्णतया असंवैधानिक कदम है, इससे जनता और खासकर विपक्ष को डराने कुचलने की मंशा जाहिर होती है। कैसी विडम्बना है कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके स अपनी बात रखने पर समाजवादी सिपाहियों पर बर्बरता से लाठीचार्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाती है। मानवीय संवेदना के तहत अन्याय के शिकार लोगों को सांत्वना देने, मृतकों के परिवारों की मदद करने के लिए जाने पर भी समाजवादी नेताओं के साथ बदसलूकी कर उन्हें गंतव्य तक जाने से रोका जा रहा है। बदले की भावना से सांसाद मोहम्मद आजम खाँ और उनके परिवार पर फर्जी केस लगाकर जेल में उत्पीड़न किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के कई अन्य नेताओं पर भी पुलिस ने फर्जी मुकदमें लगा दिये हैं। समाजवादी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। सच तो यह है कि भाजपा सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में जनहित की कोई योजना लागू नहीं की है। समाजवादी सरकार की योजनाओं पर या तो अपने नाम का ठप्पा लगाया है या फिर द्वेषवश उनको बर्बाद किया है। यूपी डायल-100, एम्बुलेंस सेवा 108, 102 हेल्पलाइन 1090 एवं 181 से जनता को मिलने वाले लाभों से वंचित करने की साजिशें हो रही हैं। केन्द्र और राज्य की डबल इंजन की सरकारों वादों और छलावों से जनता को बहकाने, नफरत फैलाने और समाज को बांटने का ही काम कर रही हैं। आपसे अनुरोध है कि प्रदेश में भाजपा की बदले की भावना से की जा रही कार्यवाहियों पर तत्काल रोक लगाई जाए और अपने संवैधानिक दायित्व के अनुपालन में केन्द्र सरकार को प्रदेश में बढ़ती अराजकता, अव्यवस्था और जनरोष से अवगत करायें। जिलाध्यक्ष ने ज्ञापन के माध्यम से मांग किया कि अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, बाढ़ से नष्ट फसलों के लिए किसानों की क्षतिपूर्ति का तत्काल प्रबन्ध हो, गन्ना किसानों का बकाया और नियमानुसार देय ब्याज का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र किया जाए, बिजली की दरों में बेतहाश वृद्धि रोकी जाए। बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली दी जाए, उनसे बकाया वसूली कोरोना संकट काल में रोकी जाए, फर्जी एनकाउण्टर बंद हों, हिरासत में मौतों की न्यायिक जांच हो। छात्रों की पांच महीने लाकडाउन अवधि की फीस माफ की जाए। बड़े स्कूलों में पात्र गरीब छात्रों को प्रवेश दिलाया जाए। बी.एड. व अन्य पाठ्यक्रमों में दलित छात्रों को निःशुल्क प्रवेश की पुरानी व्यवस्था लागू हो, अपराधों की रोकथाम हो, खासकर महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर पुलिस-प्रशासन को प्रभावी एवं सख्त कार्यवाही के आदेश दिये जायें, अपराधियों की जमानत न हो, इसके लिए अभियोजन पक्ष को तस्दीक की जाए, सरकारी सेवाओं में वर्ग ख और ग के कर्मचारियों की संविदा पर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगे, समाजवादी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं का फर्जी केस लगाकर उत्पीड़न तत्काल बंद हो। जेल में बंद पूर्व मंत्री एवं सांसद मो0 आजम खाँ और उनके परिवार को बदले की भावना से किया जा रहा उत्पीड़न बंद हो, जब तक राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं के लिए आजीविका की व्यवस्था न कर सके, उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाये।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से हाजी मो0 इलियास, श्रवण चैधरी, अरशद खान, मुकेश रस्तोगी, विनय यादव, ओ.पी. यादव, रामस्वरूप पासी, चन्द्रराज सिंह पटेल, रंजीत यादव, मो0 सलीम, शिवबहादुर लोधी, उजैर अली, मो0 हलीम घोसी, विनोद यादव, राहुल निर्मल बागी, मो0 फहीम, आई. जोवद, शत्रुघ्न पटेल, शशि यादव, मो0 शमशाद, नीलू पाण्डेय, छोटेलाल पासी, अखिलेश माही, अरविन्द चैधरी, आलोक आर्यन, शिवमोहन यादव, आशीष चैधरी, भारत लाल श्रीवास्तव, रज्जन यादव, राजेन्द्र यादव, नरेन्द्र बहादुर सिंह, नजीर खान, अर्जुन यादव, सुरेश पटेल, मिर्जा सुल्तान बेग, गोविन्द सिंह, पवन अग्रहरि, सुशील मौर्या, दिलदार रायनी, ईश्वरदीन प्रधान, बबलू लोधी, राजू यादव, अनिल यादव, इरफान, सुशील यादव, रवीन्द्र सिंह, पूर्व सभासद मो0 आसिफ,मो0 यासिर, फैज, अरशद, विकास, वाजिद, नरेन्द्र यादव, मो0 सलमान, मो0 सैफ, मो0 जैद, निहाल, इनामुल हक, जुबैर अख्तर अन्सारी, आकाश प्रताप सिंह यादव, सुबोधकान्त, जितेश, प्रद्युम्न पाल, अर्पित, अखिलेश, अंकित यादव, शिवम यादव, लवलेश यादव, अनिल मौर्या, राजेश मौर्य मनमीत, राजेन्द्र गुप्ता, मो0 नसीम, अजय रावत, सुरेश सोनी, जय कोहली, सोनू गुप्ता, रोहित मौया, सुन्दर लाल यादव, श्वि बहादुर यादव, मो0 इश्तियाक, योगेश यादव, राकेश पटेल, अबरार घोसी, शकील घोसी, सुभाष सविता, मो0 शाहिद घोसी, सत्येन्द्र पंडित, देवतादीन चैधरी, गिरजाशंकर चैधरी, अजय पाल आदि लोग उपस्थित रहे।