मेरठ में भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी प्लांट की एक के बाद एक कलई खुल रही हैं। देश में जहां बूंद-बूंद पानी बचाने की बातें हो रही हैं, वहां इस जर्जर प्लांट के क्लियर वाटर टैंक (सीडब्ल्यूटी) से रोजाना 10 हजार लीटर से ज्यादा पानी बर्बाद हो रहा है। दो पंपों के चलाने पर फीडर मेन के एयर रिलीज वाल्व खराब होने से पानी लाइन में आगे नहीं जा पा रहा है। इसके बावजूद कोई भी अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहा है।
जल निगम की देखरेख में इस प्लांट के दिवालिया हो चुकी प्रतिभा इंडस्ट्रीज द्वारा फर्जी फर्म के नाम से चलाने, हर माह लाखों रुपये की बंदरबांट के कारण जर्जर हो चुके प्लांट के दोषियों को अधिकारियों द्वारा संरक्षण देने और लगातार निरीक्षण के बाद भी अनियमितताएं ठीक न कराने का अमर उजाला खुलासा कर चुका है।
अब नया मामला सामने आया है कि सफाई के नाम पर लंबे समय तक बंद रखे प्लांट को ओके की रिपोर्ट देकर आधी अधूरी तैयारी के साथ 54 दिनों बाद 9 दिसंबर को चालू कर दिया गया था। लाइनों की सफाई के बाद 12 दिसंबर को शहर में पानी भी पहुंचा दिया गया। लेकिन अमर उजाला के हाथ लगे फोटो और वीडियो में जर्जर प्लांट के क्लियर वाटर टैंक से लगातार पानी बह रहा है। प्लांट सूत्रों के मुताबिक रोजाना 10 हजार लीटर से ज्यादा पानी बर्बाद हो रहा है। यह पानी प्लांट की बिल्डिंग के अंदर जाकर भर रहा है। इससे बिल्डिंग भी कमजोर हो रही है।
प्लांट से जुड़े लोगों का कहना है कि जिन्होंने प्लांट बर्बाद किया, उन्हें ही साथ लेकर निरीक्षण किया गया। जबकि इसमें सभी लोग सिविल खंड से जुड़े है कोई भी अधिकारी प्लांट और मशीनरी की जानकारी से संबंधित नहीं है।
इस बारे में मुख्य अभियंता सर्वेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना करते हुए कहा कि वे इसकी रिपोर्ट एमडी को भेजेंगे। ओके रिपोर्ट देने वालों के साथ निरीक्षण करने के सवाल पर भी उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया।