सोना 1000 और चांदी 4000 रुपये हुई महंगी

 


सोमवार को वायदा बाजार में सोना 49 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब कारोबार कर रहा था, जो शुक्रवार शाम तक 650 रुपये बढ़कर 49,650 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई। वहीं बात अगर चांदी की करें तो वायदा बाजार में सोमवार को चांदी 63,200 रुपये के करीब थी, जो शुक्रवार शाम तक लगभग 4400 रुपये बढ़कर 67,600 के करीब पहुंच चुकी है।

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

भारत में सोने की कीमतें पहली बार अगस्त में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची थीं। सोने की कीमतें करीब 56,200 रुपये के उच्चतम स्तर तक गई थीं। उसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रही चिंताएं, जिसके चलते लोग सोने में निवेश करना पसंद कर रहे थे, क्योंकि ये निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। लेकिन जैसे ही कोरोना वैक्सीन की घोषणा हुई, देखते ही देखते सोने में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है और गिरते-गिरते सोना 47 हजार के करीब भी जा पहुंचा। अभी सोना 50 हजार के स्तर के आस-पास कारोबार कर रहा है। ऐसे में निवेशकों में अगले साल यानी 2021 में सोने की चाल को लेकर चिंता है कि सोना कैसा कारोबार करेगा।

एक्सिस सिक्योरिटीज़ के अनुसार 2021 में भी सोने की कीमतें उदासीन रवैये वाली रहने की संभावना है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपने एक नोट में कहा कि सोने में अचानक इसलिए गिरावट आई, क्योंकि कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में सकारात्मक खबरें आने लगीं। इसकी वजह से अब निवेशक अधिक रिस्क वाले विकल्पों का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि इन दिनों शेयर बाजार हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि आने वाले वक्त में भी सोने पर दबाव बना रहेगा, जिसकी वजह से उसकी कीमतें अधिक नहीं बढ़ेंगी और उदासीनता दिखाएंगी।