बिकरू कांड की एसआईटी जांच में 11 सीओ दोषी पाए गए हैं। इनके ही कार्यकाल में विकास दुबे, उसके रिश्तेदारों और खास गुर्गों के शस्त्र लाइसेंस बने हैं। सभी का आपराधिक इतिहास होने के बाद भी लाइसेंस बन जाने की वजह से इन सीओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
डीआईजी ने मामले की जांच एसपी पश्चिम को सौंपी है। दरअसल विकास दुबे, उसके पिता रामकुमार दुबे, भाई दीपक दुबे, उसकी पत्नी अंजलि के अलावा उसके रिश्तेदारों के शस्त्र लाइसेंस बने थे।
आपराधिक इतिहास होने की वजह से इन लोगों ने फर्जी शपथ पत्र लगाए और पुलिस से सांठगांठ कर अपने पक्ष में सत्यापन रिपोर्ट भी लगवा ली। एसओ और चौकी इंचार्ज के अलावा एसआईटी ने तत्कालीन सीओ को भी दोषी माना है।
पिछले करीब दो दशक में तैनात रहे 11 सीओ के नाम सामने आए हैं, जिनके कार्यकाल में लाइसेंस बने हैं। एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि जांच अभी मिली है। संबंधित दस्तावेज जुटाकर जांच की जाएगी।बिल्हौर के तत्कालीन सीओ: प्रेम प्रकाश, सुंदर लाल, करुणा शंकर राय, नंद लाल सिंह, राम प्रकाश अरुण, सुभाष चंद्र शाक्य।
- तत्कालीन सीसामऊ सीओ: हरेंद्र कुमार यादव
- तत्कालीन सीओ कार्यालय/नोडल अधिकारी पासपोर्ट: अमित कुमार
- तत्कालीन सीओ अकबरपुर: लक्ष्मी निवास
- 12 जुलाई 1997 को नियुक्त सीओ रसूलाबाद
- 24 जुलाई 1997 को नियुक्त सीओ बिल्हौर