ओवरसीज बैंक की शाखा में 15 दिसंबर को पड़ी डकैती

 


आगरा के रोहता स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में 15 दिसंबर को पड़ी डकैती की साजिश लुटेरों ने तीन महीने पहले ही रची थी। मास्टरमाइंड ठाकुरदास कई बार बैंक की रेकी भी कर चुका था। बैंक के अस्थायी कर्मचारी पुनीत से जानकारी लेता रहा। डकैती के दौरान कर्मचारियों से किसको बोलना है और किसको रकम बैगों में भरनी है? कौन गैंग की कमान संभालेगा। इन सबकी बदमाशों ने पहले से ही रिहर्सल कर ली थी। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में ये बातें सामने आई हैं। 

थाना सदर क्षेत्र के रोहता स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में हुए डकैती कांड में पुलिस ने सोमवार को तीन बदमाशों और दो महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। इनमें कर्मचारी पुनीत कुमार उर्फ पीके, रंजीत, ठाकुरदास, नीरज पत्नी मनोहर (ठाकुरदास के भाई की पत्नी व सगी साली), रजनी पत्नी ठाकुरदास हैं । वारदात का मास्टरमाइंड ठाकुरदास है, जो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का पूर्व मंडल उपाध्यक्ष रह चुका है। सनी उर्फ सिद्धार्थ, बंटी जाटव, नरेंद्र कुमार और तेज सिंह फरार हैं। 

 एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि वारदात से पहले जिस प्लाट में आरोपी ठाकुरदास, नरेंद्र, बंटी जाटव, रंजीत और सनी ने शराब पी, उसी में डकैती की रिहर्सल भी की। बंटी पूर्व में छिनैती और लूट में जेल जा चुका है। इस पर तय किया कि वही बैंक में सभी को निर्देश देगा। किसको कर्मचारियों को बंदूक और दिखाकर चाकू से डराना है और किसको बैगों में रकम भरनी है? यह भी तय था। बैंक के अंदर रंजीत और बंटी के पास तमंचे थे, जबकि सनी के हाथ में चाकू था। प्लान के मुताबिक, बैंक में बंटी ही बोला। उसका साथ रंजीत दे रहा था। बाकी कर्मचारियों को घेरे हुए थे। 


बंटी को पता था कि हुलिए से पकड़े जा सकते हैं। इसलिए जाते समय उसने जो जैकेट पहनी थी, वह बैंक में घुसने से पहले रोहता पर ठाकुरदास को दे दी, जिससे किसी सीसीटीवी कैमरे में फुटेज मिल भी जाएं तो पहचान नहीं हो सके। क्योंकि बैंक में दिखने वाले बदमाश से मिलान नहीं हो पाता। आरोपी ठाकुरदास ने पुलिस को बताया कि घटना के लिए दो तमंचे और एक चाकू लेकर गए थे। रंजीत चाकू और तमंचा खरीदकर लाया था। नरेंद्र के पास एक पिस्टल थी। मगर, वह नकली थी। पिस्टल को लगाकर गया था, जिससे जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों को डरा सके। 

बैंक में डकैती का प्लान ठाकुरदास तीन महीने पहले से बना रहा था। कई बार बैंक की रेकी भी कर चुका था। 14 दिसंबर को भी डकैती डालने आए थे, लेकिन बैंक के गेट पर मजदूर काम कर रहे थे। इस कारण वारदात का प्लान बदल दिया। बाद में 15 दिसंबर को डकैती डाली थी। ठाकुरदास ने डकैती के बाद अपने घर में शराब पार्टी की थी। इस दौरान रकम भी आपस में बांट ली थी। मगर, खुद 35 लाख रुपये रखे। एक साथी बंटी ने 15 लाख रुपये लिए, जबकि बाकी साथियों ने एक-एक लाख रुपये से ज्यादा अपने पास रखे थे। 

ठाकुरदास की ससुराल मलपुरा के गांव नगला प्रताप में है। डकैती के बाद लगभग 29 लाख रुपये ठाकुरदास प्लास्टिक के दो कट्टों में आटे के साथ भरकर ससुराल नगला प्रताप में रख आया था। अपने साथ ही परिवार की महिलाओं को भी लेकर गया था, जिससे रास्ते में पकड़े जाने पर पता नहीं चल सके। ससुर ने डकैती की रकम खेत में बने करब में छिपा दी थी। पुलिस ने नोटों का कट्टा बरामद किया है। शेष रकम फरार बदमाशों के पास है।