2400 करोड़ रुपये का चमड़ा निर्यात घटा

 



कानपुर की पहचान चमड़ा उद्योग की चमक तेजी से फीकी पड़ती जा रही है। विदेशों में कोरोना का भय और शहर में टेनरियों की बंदी का इस कारोबार पर तगड़ा असर पड़ा है। बुधवार को जारी निर्यात आंकड़ों में देश में 29.80 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अकेले कानपुर में करीब 2400 करोड़ रुपये का निर्यात कम हुआ है।

अक्तूबर के मुकाबले यह आंकड़ा 45 फीसदी से अधिक है। अक्तूबर महीने में करीब 1400 करोड़ का निर्यात कम हुआ था। निर्यातकों का कहना है कि यदि इस उद्योग को सहायता नहीं मिली तो आने वाले समय में परेशानी और बढ़ेगी। शहर के चमड़ा उद्योग का घरेलू बाजार करीब 30 हजार करोड़ का है जबकि आठ हजार करोड़ का निर्यात रहा है।

लेकिन इस मोर्चे पर लगातार गिरावट आ रही है। चर्म निर्यात परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष जावेद इकबाल के मुताबिक शहर से बड़े पैमाने पर यूरोपीय देशों जैसे जर्मनी, स्विटजरलैंड तथा इसके अलावा ब्रिटेन, अमेरिका आदि देशों में निर्यात होता है। लेकिन अभी इन देशों में कोविड का भय है। कई देश फिर से लॉकडाउन कर रहे हैं। शहर की टेनरियों के खुलने, बंद होने पर संशय है।

इसके कारण भी विदेशी खरीदार भरोसा नहीं दिखा रहे। वे पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों का रुख कर रहे हैं। बताया कि अक्तूबर 2020 में देश कुल निर्यात 320.78 मिलियन डॉलर रहा, जबकि अक्तूबर 2019 में 384.97 मिलियन डालर था। इस अवधि में 16.67 फीसदी की गिरावट रही।

नवंबर 2020 में 273.49 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ। नवंबर 2019 में यह आंकड़ा 389.44 मिलियन डॉलर था। इसमें 29.80 फीसदी की गिरावट आई। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के मुख्य सलाहकार यूपी रीजनल हेड वाईएस गर्ग ने बताया कि फियो की रिपोर्ट में भी निर्यात में गिरावट देखने को मिली है

पिछले कुंभ के कारण साल भर चमड़ा उद्योग बंद रहा। वहीं इस साल मार्च से कोविड के चलते तीन महीने कारोबार नहीं हुआ। अब सात-आठ महीनों से रोस्टर के मुताबिक टेनरी चल रही हैं। शहर में 270 टेनरियों का संचालन हो रहा है। इनमें से 15 दिन 135 तथा अगले 15 दिन दूसरी 135 टेनरियां संचालित हो रही हैं। इससे 50 फीसदी काम कम हो गया और ऑर्डर समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।