4.50 लाख घन फिट पत्थरों की जल्द होगी सप्लाई


अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण जारी है। भूतल से 161 फिट ऊंचे मंदिर का निर्माण पत्थरों से होना है। यह पत्थर मिर्जापुर से मंगाने की तैयारी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अहरौरा पहाड़ी के पत्थरों का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजा था, जो पास हो गया है। इसके बाद ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल  ने गुलाबी पत्थरों को देखा है। बता दें कि यहां के पत्थरों का अपना इतिहास है। अशोक स्तंभ में यहीं के गुलाबी पत्थरों का प्रयोग हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी इन्हीं गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है।

अहरौरा पहाड़ी के पत्थरों की खासियत यह है कि इनकी आयु ज्यादा होती है और मजबूत होते हैं। पानी और धूप में भी इनकी चमक फीकी नहीं पड़ती। यहां के पत्थरों की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। चुनार और अहरौरा पहाड़ी के पत्थर देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। देश के कई ऐतिहासिक भवनों का यहां का पत्थर साक्षी है। इन पत्थरों की चर्चा बसपा शासन में पूरे देश में उस समय हुई थी, जब मायावती ने अंबेडकर पार्क, कांशीराम स्मारक सहित प्रदेश के कई हिस्सों में यहां के पत्थरों का प्रयोग कराया था।

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में पत्थरों के इस्तेमाल की संभावना से मिर्जापुर के पत्थर कारोबारी काफी खुश हैं। कारोबारी मनोज कुमार ने कहा कि व्यापारियों को उम्मीद है कि गुलाबी पत्थर का ऑर्डर मिलने से यहां के पत्थर कारोबार को एक नई गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या से कुछ लोग आए थे। इसका सैंपल लिया है। कहा है कि इन पत्थरों को अयोध्या में बन रहे मंदिर में लगवाएंगे। इससे हमें व मजदूरों को रोजगार मिलेगा। साढ़े 4 लाख घन फिट पत्थर जाना है।


कारोबारी विजेंदर पटेल ने बताया कि लखनऊ के गोमती नगर स्थित प्रयोगशाला में सैंपल भेजा गया था। अब गुलाबी पत्थरों की कटिंग का काम चल रहा है। जल्द ही पत्थर अयोध्या को भेजे जाएंगे।

खनन अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है। उसमें इस्तेमाल करने के लिए मिर्जापुर के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। खनन पट्टे स्वीकृत हैं, वहीं से सप्लाई की जाएगी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 80 हजार क्यूबिक फिट है। 50 हजार क्यूबिक फिट पत्थर की सप्लाई हो चुकी है।

अयोध्या में बनने वाला रामं मंदिर तीन मंजिला होगा। मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 265 फिट रहेगी। भूतल से शिखर की ऊंचाई 161 फिट होगी। पूरा मंदिर पत्थरों से बनेगा। 4 लाख क्यूबिक पत्थर लगाया जाएगा। साल 1990 से मंदिर निर्माण की तैयारी थी तो 70 से 75 हजार क्यूबिक हमारे पास पत्थर रखा है। लार्सन एंड ट्रूबो कंपनी मंदिर का काम कर रही है।