इन सभी को संबंधित राज्यों में राज्य सरकार के कोविड सेंटर में सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया था। इनके संपर्क में आए लोगों को भी अलग क्वारैंटाइन कर दिया गया है। नए संक्रमितों के संपर्क में आए दूसरे लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से लगभग 33 हजार यात्री भारत आए। इनमें से अब तक 114 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ और सैम्पल्स में नए जीनोम का पता लगाया जा रहा है।
ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक दो वैरिएंट मिल चुके हैं। पहला वैरिएंट मिला इसके बाद ही भारत सरकार ने 21 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। ये रोक 22 दिसंबर रात 11.59 बजे से 31 दिसंबर रात 11.59 बजे तक लगाई गई। जो लोग इससे पहले फ्लाइट्स से भारत पहुंचे उनका एयरपोर्ट पर ही टेस्ट किया गया था।
वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है, यानी इसके गुण बदलते रहते हैं। म्यूटेशन होने से ज्यादातर वेरिएंट खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यह पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाता है। यह प्रोसेस इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा नया रूप सामने आ जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोनावायरस का जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से 70% ज्यादा तेजी से फैल सकता है।
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बारे में सबसे पहले ब्रिटेन में पता चला था। ब्रिटेन के अलावा इस नए स्ट्रेन के केस भारत, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, लेबनान, सिंगापुर और नाइजीरिया में सामने आ चुके हैं। उधर, दक्षिण अफ्रीका में भी कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन मिला है। यह ब्रिटेन वाले नए स्ट्रेन से अलग है।
म्युटेशन का मतलब होता है कि किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव। जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में जाता है तो हर कॉपी अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद एकाएक नया स्ट्रेन सामने आता है।
यह बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। वायरस अपना रूप बदलते रहते हैं। सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल नए रूप में सामने आता है। इस वजह से कोविड-19 के नए वैरिएंट्स को लेकर वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा आश्चर्य नहीं है। वुहान (चीन) में नोवल कोरोनावायरस सामने आया था। इसने एक साल में दस लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली। इस वायरस में कई म्युटेशन भी हुए हैं। UK के बाद दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया में सामने आए कोरोना के नए स्ट्रेन; जानिए क्या होगा वैक्सीन पर असर