मैनपुरी जिले में 21 लाख की आबादी पर सिर्फ एक ब्लड बैंक है। वह भी इस समय खून की कमी से जूझ रहा है। वर्तमान में ब्लड बैंक में सिर्फ 12 यूनिट रक्त शेष है। वहीं दूसरी ओर ए ग्रुप का रक्त एक यूनिट भी नहीं है। जिले का इकलौता ब्लड बैंक मैनपुरी जिला अस्पताल में है। ब्लड बैंक की क्षमता 100 यूनिट रक्त को संरक्षित करने की है।
औसतन यहां 50 यूनिट ब्लड उपलब्ध रहता है। जिला अस्पताल की ब्लड बैंक प्रभारी विनोद तिवारी के अनुसार अस्पताल की ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव और ए निगेटिव ग्रुप का ब्लड शून्य हो चुका है। जबकि ओ निगेटिव में मात्र एक यूनिट ब्लड संरक्षित है। एबी पॉजिटिव और ओ पॉजिटिव में दो-दो यूनिट ब्लड बचा है। कुल मिलाकर रविवार को सिर्फ 12 यूनिट ही रक्त ब्लड बैंक में था। ऐसे में इमरजेंसी में कभी भी यहां स्थिति बिगड़ सकती है।
जिला अस्पताल और ब्लड बैंक प्रशासन सिर्फ सामाजिक संस्थाओं पर ही निर्भर होकर रह गया है। जिले में लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि ब्लड बैंक में रक्त की कमी है। ब्लड बैंक प्रभारी विनोद तिवारी ने रक्तदान करने वाली संस्थाओं को पत्र लिखकर रक्तदान करने का अनुरोध किया है।
ब्लड बैंक में ब्लड की उपलब्धता कम होने के कारण ब्लड बैंक अधिकारी परेशान हैं। इसके चलते ब्लड बैंक में लगाए गए चार्ट पर भी ब्लड बैंक में उपलब्ध ब्लड का रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया जा रहा है। इसके चलते यहां आने वाले लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है।
ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है, पंजीकरण कराने वाले लोगों की मदद से काम चलाया जा रहा है। जिले के लोगों से अपील की जाती है कि वह जिला अस्पताल पहुंच रक्तदान कर महादानी बनें।