विधायकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने के लिए कोर्ट पहुंची योगी सरकार

 


उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 साल पहले मुजफ्फरनगर में हुए दंगे से जुड़े एक केस को वापस लेने के लिए अर्जी दाखिल की है। इस केस में के 3 मौजूदा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा, कपिल देव के नाम भी शामिल हैं। इन नेताओं पर 7 सितंबर 2013 में नगला मंदोर गांव में एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। सरकारी वकील राजीव शर्मा ने इस केस की वापसी के लिए सरकार की तरफ से मुजफ्फरनगर की कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। फिलहाल, कोर्ट ने सुनवाई नहीं की है। लेकिन सियासत शुरू हो गई है।

राज्यमंत्री कपिल अग्रवाल ने कहा कि उस वक्त समाजवादी पार्टी की सरकार थी। सपा सरकार ने राजनीतिक द्वेषवश मुझ पर और के अन्य नेताओं व हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया था। ये फर्जी मुकदमे थे।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, कमाल है भारतीय जनता पार्टी। मैं पूछता हूं भारतीय जनता पार्टी से, क्या इसी के लिए सरकार बनी थी? सरकार पर लगे मुकदमे चाहे मुख्यमंत्री पर हो, उप मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक हों सब पर लगे आपराधिक मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे। क्या इससे जो आपराधिक प्रवृत्ति के और अपराध करने वाले व्यक्ति हैं, क्या इससे मनोबल उनका नहीं बढ़ेगा? क्या उनको ऐसा एहसास नहीं होगा कि आपराधिक मुकदमे भी वापस लिए जा सकते हैं? यही वजह है कि की गोली मार कर हत्या कर दी जाती है। तभी यहां पुलिस वालों का एनकाउंटर होने लगा है। तभी यहां पर महिलाओं पर अत्याचार ज्यादा बढ़ा है, क्योंकि अपराधियों को यह एहसास होने लगा है कि आपराधिक मुकदमे किसी के भी वापस लिए जा सकते हैं। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि समाज में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।


बात 27 अगस्त, 2013 की है। कवाल गांव में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। दोनों की हत्या का आरोप शाहनवाज कुरैशी नाम के युवक पर लगा था। इसी के बाद 7 सितंबर 2013 को नगला मंदोर गांव के इंटर कॉलेज में जाटों द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी। जिसमें गन्ना मंत्री सुरेश राणा, राज्यमंत्री कपिल देव, विधायक संगीत सोम, विहिप नेत्री साध्वी प्राची, बाबू हुकुम सिंह, भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत सहित सैकड़ों भाजपा नेताओं ने भाग लिया था।

इसी के बाद दंगे भड़क गए थे। 65 लोगों की मौत हुई थी। हजारों लोग घरों से बेघर हो गए थे। शीखेड़ा थाना इंचार्ज ने विधायकों संगीत सोम, कपिल देव अग्रवाल, सुरेश राणा, साध्वी प्राची व अन्य पर भड़काऊ भाषण देकर समुदाय विशेष के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। अब सरकार द्वारा केस वापसी की याचिका दी है और अभी इस पर सुनवाई बाकी है।