राहुल बोले- किसान पर मित्रों वाले कानून का वार यही है मोदी सरकार

 


कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के कई बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन आज 34वें दिन में प्रवेश कर चुका है। तमाम परेशानियों के बाद भी किसान अपनी मांगें मनवाए बिना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हैं। एक ओर जहां सरकार ने किसान नेताओं के साथ होने वाली बैठक की तारीख 30 दिसंबर तय की है, वहीं दूसरी ओर समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार को पत्र लिख कहा है कि अगर किसानों की बात नहीं मानी गई तो वह जनवरी से आंदोलन छेड़ेंगे। इसके साथ ही बीते कई दिनों की तरह आज भी दिल्ली की कई सीमाएं और रास्ते बंद हैं। 

कांग्रेस ने सरकार की ओर से किसान संगठनों को नए दौर की बातचीत के लिए बुलाने की पृष्ठभूमि में मंगलवार को कहा कि सरकार को मौखिक आश्वासन देने के बजाय संसद के जरिए कानून बनाकर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने यह आरोप भी लगाया कि तीनों कृषि कानून लाना न्यूनतम समर्थन मूल्य  को खत्म करने की साजिश है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर आज फिर एक ट्वीट करते हुए कहा कि, युवा पर बेरोजगारी की मार, जनता पर महंगाई का अत्याचार, किसान पर ‘मित्रों’ वाले कानूनों कावार, यही है मोदी सरकार।