किसानों को समझाने के लिए वरिष्ठ अफसरों को मैदान में उतारा

 


नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बाॅर्डर पर चल रहे आंदोलन में उत्तरप्रदेश के कई जिलों के किसानों के शामिल होने की सूचना के बीच राज्य सरकार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है। ये 27 से 29 दिसंबर तक जिलों में डेरा डालेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार ये अफसर रविवार पूर्वाह्न जिलों में पहुंच जाएंगे। वहां किसान संगठनों के प्रतिनिधियों व नेताओं से वार्ता करेंगे और उनकी समस्याओं की समीक्षा करेंगे।

किसानों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां लोकभवन में बैठक की। उन्होंने प्रत्येक जिले में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अफसरों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करने के निर्देश दिए। इसके तहत अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह लखनऊ, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय एस. भूसरेड्डी गोरखपुर और अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी वाराणसी पहुंचेंगे। 

सीएम के निर्देश के कुछ देर बाद ही मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों की जिलों में तैनाती के साथ भ्रमण का एजेंडा जारी कर दिया। एजेंडे में किसान आंदोलन का जिक्र नहीं है। पर, किसान संगठनों से वार्ता करने के उल्लेख से माना जा रहा है कि अधिकारी उन्हें केंद्र व राज्य सरकार के स्तर से उनके लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देंगे। नोडल अफसर 30 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। 

नोडल अफसर जिलों में गन्ना-धान खरीद केंद्र व निराश्रित गोशालाओं का भी निरीक्षण करके वहां की समस्याओं को जानेंगे। फसलों की सिंचाई, नहरों में पानी की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति, वरासत अभियान तथा पुलिस संबंधी शिकायतों की भी समीक्षा करेंगे। धान खरीद में किसी तरह की शिकायत व जांच में पुष्टि होने पर जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।


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