सबसे पहले दोपहर 1 बजे बेगमबाग इलाके में बने टीकाराम के मकान को तोड़ा जा रहा है। इसमें रेहाना पति नुरू किराए से रहती है। वहीं, अब्दुल हमीद के मकान पर भी कार्रवाई की जा रही है। इसमें हिना पति शहजाद किराएदार हैं। दोनों के ही पत्थर फेंकते हुए वीडियो वायरल हुए थे। प्रशासन का तर्क है कि ये मकान नाले किनारे बने हैं। लोगों ने यहां अतिक्रमण कर लिया है। आधा दर्जन के करीब उपद्रवियों पर रासुका के तहत कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में भी मामूली से विवाद में समुदाय विशेष के लोगों ने शहर की कानून-व्यवस्था बिगाड़ दी थी। करीब 15 दिनों तक लोग सांसत में रहे थे। तत्कालीन कलेक्टर कवींद्र कियावत और एसपी अनुराग ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की थी। कई उपद्रवी महीनों जेल में रहे। इधर, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने भास्कर से कहा कि असामाजिक तत्वों ने उपद्रव के माध्यम से शहर का माहौल खराब करने का प्रयास किया है। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। शुक्रवार की घटना के बाद सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। पूरी तैयारी के साथ जिन मकानों की छतों पत्थर बरसे हैं उन्हें भी ध्वस्त करेंगे, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
लोगों ने कार्रवाई विरोध शुरू कर दिया है। अमरेंद्र सिंह और नरेंद्र सूर्यवंशी लोगों समझा रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है।