हाथरस कांड में सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में दाखिल किए गए आरोप पत्र में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में बिटिया के आखिरी बयान को मुख्य आधार माना गया है। बयान में चारों आरोपियों संदीप, रामू, रवि व लवकुश पर सामूहिक दुष्कर्म करने और हत्या का प्रयास करने की बात कही गई थी।
सूत्रों की माने तो सीबीआई के आरोप पत्र में कई और अहम तथ्य सामने आए हैं। इसमें यह भी उजागर हुआ है कि मृतका के संदीप के साथ रिश्ते थे। दोनों में फोन पर बात होती थी। हालांकि, बिटिया के परिजनों ने इससे इनकार किया है। तीन दिन पहले सीबीआई ने विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट में बिटिया के साथ हुई घटना में चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश के खिलाफ (धारा 376, 376 ए,376 डी.302 व 3(2)(5) एससी-एसटी एक्ट के तहत) आरोप पत्र दाखिल किया है।
आरोप पत्र के मुताबिक, सीबीआई ने संदीप और पीड़िता के बीच के रिश्तों का खुलासा किया है। जांच में सीबीआई को पता चला कि दोनों के घर नजदीक थे और दोनों में दो-तीन साल से संबंध थे। ग्रामीणों से पूछताछ में यह बात सीबीआई के समक्ष सामने भी आई। यही नहीं आरोपी और उसके पिता की सीडीआर खंगालने पर पता चला कि अक्तूबर 2019 से मार्च 2020 तक पीड़िता व संदीप के बीच काफी बातचीत होती थी।
बाद में इसकी जानकारी परिजनों को हो गई थी, इस पर दोनों की बातचीत बंद हो गई थी। इस बात से संदीप काफी गुस्से में था। उसे पीड़िता पर शक होने लगा था कि क्योंकि वह उसका फोन नहीं उठा रही थी। चार्जशीट के मुताबिक, 22 सितंबर को पीड़िता ने जिन चारों आरोपियों के नाम लिए, वह सभी इसी गांव के आसपास मौजूद थे। कॉल डिटेल से पता चला कि दोनों ने 17 अक्तूबर 2019 से लेकर 3 मार्च 2020 तक आपस में 105 बार कॉल किए।
चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता की तरफ से भी छह बार संदीप के नंबर पर कॉल की गई। दोनों के परिजनों को जब उनके इस संबंध के बारे में पता चला तो दोनों पक्षों में झगड़ा भी हुआ। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक यह बात भी जांच में सामने आई। वैसे पीड़िता द्वारा दिया गया आखिरी बयान ही आरोपपत्र का मुख्य आधार बना।