काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा और बलिया की रहने वाली नेहा सिंह ने ऐसा कमाल कर दिया है, उनका नाम अब गिनीज बुक ऑप वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। नेहा सिंह ने खनिज रंगों से भगवद्गीता पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक पेंटिंग बनाई है, यह अब तक की खनिजों रंगों से बनाई गई सबसे बड़ी पेंटिंग है। इससे पहले यह रिकॉर्ड आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की श्रेया तातिनेनी के नाम था। देखें अगली स्लाइड्स...
नेहा सिंह ने यह उपलब्धि 18 नवंबर 2020 को की थी। उनकी इस मुकाम से जिले के लोग काफी खुश हैं। दिसंबर में सर्टिफिकेट मिलने पर रविवार को नेहा के घर पहुंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उन्हें बधाई दी और सर्टिफिकेट का विमोचन किया
बलिया जिले रसड़ा के ग्राम डेहरी की नेहा सिंह बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में अध्ययन कर रही हैं। नेहा गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने के लिए 2019 से तैयारी कर रही थी। लॉकडाउन में घर आने के बाद नेहा ने अप्रैल से घर पर खनिज रंगों से पेंटिंग बनानी शुरू की। इसका आकार 62.72 स्क्वॉयर मीटर है। पेंटिंग जुलाई में गिनीज के नियमों के अनुसार तैयार हो गई। इसके बाद नेहा ने सभी कागजात ऑनलाइन जमा कर दिए थे। हालांकि कोविड-19 के चलते गिनीज से जवाब आने में चार महीने का समय लग गया था।
बीएसएफ में कार्यरत बूटन सिंह की बेटी नेहा को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए अपनी पेंटिंग बेचनी पड़ी थी। उसने पिछले सात सालों में तैयार अपनी कई पेंटिंग को मुंबई के एक चित्रकला के व्यापारी को बेच दी। नेहा की बनाई पंचतत्व की पेंटिंग को प्रवासी भारतीय दिवस पर अमेरिका से आए एक अतिथि ने खरीदा था।
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि नेहा सिंह ने पहला रिकॉर्ड 10 अगस्त 2017 में ‘16 लाख मोतियों से 10.11 फुट का भारत का नक्शा’ बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में दर्ज कराकर बनाया है। दूसरा रिकॉर्ड 30 सितंबर 2018 में ‘449 फीट कपड़े पर 38417 डॉट कर उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा’ लिख कर यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। तीसरा रिकॉर्ड एक दिसंबर 2020 में दुनिया का पहला दशोपनिषद् एवं महावाक्य का डिजिटल प्रिंटेड एल्बम बनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज बनाया है।