सब्सिडी की यूरिया का फैक्टरियों में इस्तेमाल की आशंका, जांच शुरू

 


सब्सिडी की यूरिया का फैक्टरियों में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल करने की शिकायतें आ रही हैं। इसके मद्देनजर सभी जिलों में ऐसे उद्योगों की सूची तैयार की जा रही है, जहां कच्चे माल के रूप में टेक्निकल ग्रेड यूरिया का प्रयोग होता है। जिला उद्योग केंद्र और जिला कृषि अधिकारी की संयुक्त टीमों ने इन फैक्ट्रियों के रिकॉर्ड की जांच भी शुरू कर दी है।

जानवरों व मुर्गियों के दाने, प्लाई वुड, बर्तन धोने के साबुन, एल्कोहल और सिगरेट समेत 11 तरह के उत्पादों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया का इस्तेमाल होता है। पता चला है कि संबंधित फैक्टरियों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया के स्थान पर नीम कोटेड अनुदानित यूरिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने भी ऐसी आशंका जताते हुए प्रदेश सरकार को जांच कराने के लिए कहा है।

फैक्टरियों में औचक छापा मारने के साथ ही यह भी देखा जाएगा कि साल भर में कुल कितना उत्पादन हुआ। इसके लिए उस फैक्टरी के तैयार माल और उसमें प्रयोग किए कच्चे माल के रिकॉर्ड को भी चेक किया जाएगा। चिह्नित औद्योगिक इकाइयों में टेक्निकल ग्रेड यूरिया के प्राप्ति स्रोतों की गहन जांच भी होगी।

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आगरा और देवरिया जिले की रिपोर्ट मिल चुकी हैं, पर यहां इस तरह की गड़बड़ पकड़ में नहीं आई है। अन्य जिलों में जांच जारी है। अनियमितता मिलने पर संबंधित के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 के तहत तत्काल केस दर्ज कराया जाएगा