बोर्ड परीक्षार्थियों का डाटा लीक करने का मामला


 

बोर्ड परीक्षार्थियों का डाटा बेचने वाली इंडीज कंपनी ने लखनऊ की कान्हा इन्फोटेक कंपनी से डाटा खरीदा है। प्रति छात्र पांच रुपये में डाटा खरीदा और छह से सात हजार रुपये में बेच दिया। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है। पुलिस ने लखनऊ की कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ के लिए संपर्क भी किया है।

पता चला कि कान्हा इन्फोटेक ने किसी और कंपनी से डाटा खरीदा है। इस तरह चेन बनती जा रही है। इससे मामले की तह तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती है। आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीआईजी से शिकायत की थी कि रायपुरवा स्थित इंडीज कंपनी बोर्ड परीक्षार्थियों का डाटा बेच रही है।

डीआईजी ने सीओ अनवरगंज को जांच सौंपी थी। सीओ मोहम्मद अकमल खान ने बताया कि इंडीज कंपनी के आशीष गुप्ता व एक युवती से पूछताछ कर कुछ दस्तावेज लिए गए। पता चला कि इस कंपनी ने लखनऊ स्थित डिजिटल मार्केटिंग कंपनी कान्हा इन्फोटेक से डाटा खरीदा था। सीओ ने बताया कि लखनऊ की कंपनी के लोगों से पूछताछ की जा रही है। डाटा ऑनलाइन उपलब्ध है। कई ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियां इन डाटा बेचने वाली कंपनियां का ब्योरा एक क्लिक पर उपलब्ध करवा रही हैं। 

सीओ के मुताबिक लखनऊ की कंपनी ने गुजरात की एक डिजिटल कंपनी से डाटा खरीदा है। पुलिस को आशंका है कि इस तरह से तमाम कंपनियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। इसकी जड़ मुंबई या बंगलूरू में है। शक है कि किसी एक कंपनी ने बोर्ड परीक्षार्थियों का डाटा बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट से हैक कर हासिल किया। उसके बाद अलग-अलग कंपनियों को बेचा। 

पुलिस की जांच में सामने आया कि इंडीज कंपनी ने काकादेव स्थित एक कोचिंग संचालक को कुछ डाटा बेचा था। इसी डाटा की मदद से कोचिंग संचालक ने एक वेबिनार के जरिये छात्र-छात्राओं से जुड़कर कॅरियर कांउसलिंग की। सीओ ने बताया कि अभी तक की जांच में डाटा का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल होते नहीं पाया गया है। डाटा बेचने का जाल पूरे देश में फैला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस अफसर बड़े स्तर पर जांच के लिए शासन व उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर सिफारिश कर सकते हैं।