लखनऊ के गोमतीनगर के विराजखंड-4 निवासी गन्ना विभाग के इंजीनियर वाईके श्रीवास्तव के घर में घुसते ही डकैतों ने उनकी पत्नी निशा व बेटी जीनिया से पालतू कुत्ते के बारे में पूछा था। पूछताछ में मिली इस जानकारी को पुलिस अहम मान रही है।
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर का कहना है कि इससे लग रहा है कि वारदात में बांवरिया या घुमंतू गिरोह का नहीं बल्कि किसी इलाकाई गैंग अथवा घर की स्थिति से परिचित बदमाशों का हाथ है। बदमाश यह भी जानते थे कि इंजीनियर घर पर नहीं है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि वारदात के वक्त पुलिस की गश्त टीम वहां से गुजरी थी। सायरन सुनकर इंजीनियर की पत्नी चीखीं तो एक बदमाश ने उनका मुंह दबा दिया था। इंजीनियर ने बताया कि 2016 में पड़ोस में रहने वाले वन विभाग के अधिकारी के घर डकैती पड़ी थी। इससे सतर्क होकर घर में तीन सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। सेंसरयुक्त हूटर भी लगवाया है। ताकि कोई भी अंजान व्यक्ति दाखिल हो तो हूटर बजने लगे। लेकिन मंगलवार रात को हूटर भी नहीं बजा। घर में घुसते ही बदमाशों ने एक सीसीटीवी कैमरे को ऊपर की तरफ मोड़ दिया था। भागते वक्त कमरे में रखे डेटा वीडियो रिकॉर्डर भी ले गए।
निशा के मुताबिक, घर में दाखिल बदमाशों की संख्या आठ थी और सभी के हाथ में धारदार हथियार थे। हालांकि बदमाशों की संख्या को लेकर पुलिस व इंजीनियर में काफी देर तक मोबाइल पर कहासुनी भी हुई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस बदमाशों की संख्या कम दिखाकर ही तहरीर देने का दबाव बना रही थी। आला अधिकारियों के हस्तक्षेप पर पुलिस ने डकैती का मुकदमा दर्ज किया।
ठीक 60 दिन बाद शहर की पॉश कॉलोनी में बदमाशों का फिर धावा। बदमाशों ने विराज खंड-4 में रहने वाले गन्ना विभाग के इंजीनियर के घर डकैती की वारदात को अंजाम दिया।
इस बार भी वारदात का तरीका छह अक्तूबर की रात चिनहट के विकल्प खंड-3 में सीनियर फूड इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह के घर में वारदात जैसा था। रात दो बजे सात से आठ की संख्या में घुसे नकाबपोश बदमाशों ने डकैती डाली थी।