सीएम योगी का पहला दौरा आज, मुरादाबाद में करेंगे मंडल समीक्षा



कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पहली बार सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी में आ रहे हैं। वह शनिवार को मुरादाबाद में होंगे और यहां पार्टी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से किसानों के आंदोलन पर भी बात करेंगे। यह जानने की कोशिश करेंगे कि किसानों के इस आंदोलन से पश्चिमी यूपी का मिजाज कितना गर्म है। इससे किसको कितना नफा नुकसान हो सकता है। साथ ही विकास कार्यों पर भी चर्चा होगी।


किसान आंदोलन में पश्चिमी उप्र के किसान भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। भारत बंद के आह्वान के दिन वेस्ट यूपी के सभी जिलों में किसानों ने हुंकार भरी थी। मुरादाबाद, अमरोहा, रामपुर, संभल आदि के किसानों ने भी इस आंदोलन में महती भूमिका अदा की है। मुरादाबाद में तो प्रशासन ने अपनी रणनीति से फिर भी चक्का जाम आदि पर कुछ हद तक अंकुश लगाया पर अन्य जिलों में किसानों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। हाईवे तक जाम किया था। 

इस बीच रामपुर में भी नैनीताल हाईवे पर किसानों का धरना शुरू हो गया है। गुरुवार को हाईवे पर जमे किसानों ने शुक्रवार को भी रुख नहीं बदला। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का मुरादाबाद दौरा तय हुआ है। मुरादाबाद में शनिवार को वह जनप्रतिनिधियों के साथ सर्किट हाउस में बैठक करेंगे। इस बैठक में चार मंत्री समेत 14 विधायक, चार एमएलसी, छह जिलाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष, क्षेत्रीय महामंत्री शामिल होंगे। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की भी मौजूदगी रहेगी। 

बताया जा रहा है कि सीएम अपनी टीम से विकास तथा अन्य मुद्दों पर तो बात करेंगे ही पर असली मुद्दा किसान आंदोलन है। वेस्ट यूपी में इसका क्या प्रभाव चल रहा है और इसका कितना असर चुनाव में हो सकता है, इस पर मंथन होगा। साथ ही जनप्रतिनिधियों को लगाया जाएगा कि वे किसानों के बीच जाकर इस कानून के सकारात्मक पहलू को रखें। इस बैठक के बाद में सीएम मंडल के सभी जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों से भी इस पर जानकारी ले सकते हैं। यहां के बाद  सीएम 13 दिसंबर को मेरठ में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। वहां भी इस नब्ज को टटोलने की कवायद की जाएगी।

मुरादाबाद में न तो कोई सरकारी विश्वविद्यालय है और न ही राजकीय मेडिकल कालेज। इनकी मांग काफी दिनों से उठाई जा रही। शहर विधायक रितेश गुप्ता ने बताया कि वह फिर से सीएम के आगे इसकी मांग करेंगे। चूंकि विश्वविद्यालय से हजारों छात्रों को  सीधा लाभ होगा तो पहले चरण में कम से कम इसे अवश्य हरी झंडी दे दी जाए।