प्यार को पाने के लिए रची थी मौत की खतरनाक साजिश

 


2011 में गोरखपुर शिखा दुबे हत्याकांड ने लोगों को हैरान कर दिया था। जिसे लोग मरा समझ रहे थे वह अपने प्रेमी के साथ सोनभद्र में रह रही थी। इधर गोरखपुर में किसी और महिला की लाश को अपनी बेटी समझ कर उसके पिता अंतिम संस्कार कर चुके थे। एक दिन जब शिखा सामने आई तो पिता राम प्रकाश दुबे उसे देखकर फूट-फूटकर रोने लगे और उसके गालों को छूकर यकीन करने की कोशिश कर रहे थे कि वो जिंदा है। इसके बाद उन्होंने अपनी मोहमाया को त्यागकर कहा- ये मेरी ही बेटी है लेकिन अब मेरे लिए मर चुकी है।

बात 11 जून 2011 की है। गोरखपुर सिंघाड़िया में एक युवती की लाश मिली थी। उसकी कद काठी और उम्र से पता चला कि वह इंजीनियरिंग कॉलेज के कमलेशपुरम कॉलोनी इलाके से गायब युवती शिखा दुबे है। उसके पिता को बुलाया गया, घरवाले, रिश्तेदार भी जुटे सबने माना लाश शिखा की ही है। इस दौरान पिता राम प्रकाश दुबे ने पड़ोसी दीपू पर हत्या की आशंका जताई और केस दर्ज करा दिया। पुलिस जांच करने पहुंची तो पता चला दीपू भी घर से गायब है। जांच के दौरान पुलिस को खबर मिली कि आरोपी दीपू सोनभद्र में है। सोनभद्र पहुंचकर पुलिस टीम के सामने एक हैरान करने वाला सच आया। वहां केवल दीपू ही नहीं शिखा भी मौजूद थी।


पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर गोरखपुर लेकर आई। यहां आने के बाद शिखा ने एक ऐसी कहानी सुनाई कि पुलिस भी हैरान रह गई। उसने बताया कि उसे पड़ोसी दीपू यादव (26) से प्यार हो गया था। दोनों को पता था कि उनके घरवाले इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे। ऐसे में दोनों ने घर से भागने और परिजनों से पीछा छुड़ाने के लिए एक खतरनाक साजिश रची। दोनों ने तय किया कि शिखा की कद काठी की किसी महिला की हत्या कर उसे शिखा की पहचान दे दी जाए

इस साजिश में दीपू का दोस्त सुग्रीव (35) भी शामिल था जो एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी था। उसका अक्सर सोनभद्र जिले जाना होता था, वहां वह एक ऐसी लड़की को जानता था, जो कद-काठी में शिखा से बहुत मिलती थी। उसका नाम पूजा (25) था। पूजा तीन साल की बच्ची की मां थी। दीपू और सुग्रीव उसे गोरखपुर में तीन हजार रुपये की नौकरी दिलाने के बहाने ले आए। सुग्रीव 10 जून की रात में पूजा को ट्रक से कूड़ाघाट लाया और उधर, शिखा- दीपू के साथ घर से भागकर कुसम्ही जंगल पहुंच गई। जंगल में ट्रक में सवार पूजा को शिखा ने वह कपड़ा पहना दिए, जिसे पहनकर वह घर से निकली थी। इतना ही नहीं उसके गले में एक धागा डाला गया जो शिखा हमेशा पहनती थी। इसके बाद ट्रक में ही पूजा की हत्या कर दी गई। 


Popular posts from this blog

पूनम्स पब्लिक स्कूल में हुआ विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन

नेशनल मीडिया प्रेस क्लब हर सदस्य को उपलब्ध कराएगा स्वरोजगार का अवसर

सपा विधायक इरफान सोलंकी ने पुलिस कमिश्नर के आवास पर किया सरेंडर