मैं अब और जिंदा नहीं रह सकता। मैं जानता हूं मेरे जाने के बाद दो घर बर्बाद हो जाएंगे। एक मामा का और दूसरा मेरा। मामा मामी आप लोगों का मेरे ऊपर बहुत एहसान है। आपने हमारी सारी ख्वाहिशें पूरी कीं।
अच्छे से अच्छे स्कूल और कोचिंग में मेरा दाखिला कराया, लेकिन मैं आप लोगों के लिए कुछ नहीं कर सका। साथ पढ़ने वाले दोस्तों के ब्लैकमेलिंग के चलते मैं कुछ नहीं कर सका। आप लोगों का एहसान मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूं।
मैं जानता हूं कि मेरे मरने के बाद सबसे ज्यादा मेरे मामा, मामी, मम्मी और बेटू रोएंगे। अगले जन्म मुझे मेरे मामा-मामी जैसे ही मेरे मम्मी पापा मिले। मेरी मम्मी भी बहुत अच्छी हैं, लेकिन मेरे पापा का बहुत अलग स्वभाव है। ये सुसाइड नोट पर लिखा देख ननिहाल पक्ष के लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
सुसाइड करने से पहले आरोपियों ने की थी हाथापाई
सत्यम के मामा ने बताया कि वह बीटेक करने के बाद नाना व मामा-मामी की सेवा करना चाहता था। दो दिन पहले छपेड़ा पुलिया के पास रहने वाले बड़े मामा श्याम नारायण की बेटी की शादी थी। जिसमें शामिल होने के लिए पूरा परिवार आया था।
मैं अब और जिंदा नहीं रह सकता। मैं जानता हूं मेरे जाने के बाद दो घर बर्बाद हो जाएंगे। एक मामा का और दूसरा मेरा। मामा मामी आप लोगों का मेरे ऊपर बहुत एहसान है। आपने हमारी सारी ख्वाहिशें पूरी कीं।
अच्छे से अच्छे स्कूल और कोचिंग में मेरा दाखिला कराया, लेकिन मैं आप लोगों के लिए कुछ नहीं कर सका। साथ पढ़ने वाले दोस्तों के ब्लैकमेलिंग के चलते मैं कुछ नहीं कर सका। आप लोगों का एहसान मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूं।
मैं जानता हूं कि मेरे मरने के बाद सबसे ज्यादा मेरे मामा, मामी, मम्मी और बेटू रोएंगे। अगले जन्म मुझे मेरे मामा-मामी जैसे ही मेरे मम्मी पापा मिले। मेरी मम्मी भी बहुत अच्छी हैं, लेकिन मेरे पापा का बहुत अलग स्वभाव है। ये सुसाइड नोट पर लिखा देख ननिहाल पक्ष के लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
सुसाइड करने से पहले आरोपियों ने की थी हाथापाई
सत्यम के मामा ने बताया कि वह बीटेक करने के बाद नाना व मामा-मामी की सेवा करना चाहता था। दो दिन पहले छपेड़ा पुलिया के पास रहने वाले बड़े मामा श्याम नारायण की बेटी की शादी थी। जिसमें शामिल होने के लिए पूरा परिवार आया था।