प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इसका फायदा यह होगा कि कानपुर-दिल्ली रूट पर ट्रेनें लेट नहीं होंगी। मालगाड़ियां भी समय पर पहुंच सकेंगी। मोदी ने ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर की भी शुरुआत की।
मोदी ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर नए सेक्शन के फायदे बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई ऊंचाई देने वाला है। हम सबसे बड़ा और आधुनिक रेलवे प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते देख रहे हैं। इससे किसानों को भी फायदा होगा।
मोदी ने कहा कि नए फ्रेट कॉरिडोर में मैनेजमेंट और डेटा से जुड़ी टेक्नोलॉजी भारत में ही तैयार की गई है। इंफ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ किसी भी देश का सबसे बड़ा स्रोत है। यह जितनी मजबूत होती है, राष्ट्र का विकास उतनी तेजी से होता है। भारत में बीते छह साल से आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर काम किया जा रहा है। हाईवे हो, रेलवे हो और वॉटर वे हो और आईवे। इन पांचों पहियों को रफ्तार दी जा रही है।
इस कॉरिडोर से मालगाड़ियों की गति तीन गुना हो जाएगी। दोगुना माल ढोया जा सकेगा। इन ट्रैक पर डबल डेकर मालगाड़ियां चलाई जा सकेंगी। इससे कारोबार बढ़ेगा, निवेश बढ़ेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कारोबारी हो, किसान हो या कंज्यूमर सबको इसका लाभ मिलेगा।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसे मालवाहक ट्रेनों के लिए खासतौर पर बनाया गया है। मतलब इस पर केवल माल गाड़ियां ही दौड़ेंगी। 351 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर न्यू भाउपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन तक है। इसे 5,750 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1856 किलोमीटर होनी है। जो पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड से होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का भी निर्माण करवा रही है। ये ग्रेटर नोएडा के दादरी से शुरू होकर मुंबई जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में पूरे देश में माल वाहक ट्रेनों के लिए अलग से पटरियां बिछाने का फैसला लिया है।
- कानपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आस-पास लगी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होगा।
- नॉर्मल रेल लाइन पर दबाव कम होगा और इससे यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
- यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी।
- अनाज और दूसरे सामान समय पर डेस्टिनेशन तक पहुंचाए जा सकेंगे।
प्रयागराज का ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर एक कमांड सेंटर की तरह काम करेगा। ये सेंटर दुनिया भर में इस तरह के सबसे बड़े स्ट्रक्चर में से एक है। इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका डिजाइन भी शानदार है। यह बिल्डिंग इको फ्रेंडली है।