अमावस्या में श्रद्धालुओं ने किया स्नान नहीं रहा सूर्यग्रहण का प्रभाव



 कानपुर,। गंगा स्नान के लिए अहम सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने भोर पहर से ही आस्था की डुबकी लगाई और पूजन करके यथा सामर्थ्य दान दिया। स्नान, ध्यान और दान के बाद श्रद्धालुओं ने मनवांछित फल की कामना की। बिठूर समेत कानपुर शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, हालांकि कोविड प्रोटोकॉल के कारण बीते वर्षों की अपेक्षा भीड़ नहीं रही। ज्यादातर लोगों ने घरों में गंगाजल से स्नान करके पूजन किया।

आचार्य पवन तिवारी बताते हैं कि सोमवती अमावस्या पर पंचग्रही युति योग बन रहा है। सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, केतु की युति रहेगी। युति योग में दान, पुण्य व अनुष्ठान आदि करने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।



सोमवती अमावस्या के दिन ही इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण रहेगा। ग्रहण का समय सायंकाल 8 बजकर पांच मिनट से रात्रि 11:30 बजे तक रहेगा। भारत में ग्रहण का प्रभाव, सूतक आदि नहीं रहेगा। ग्रहण का प्रभाव क्षेत्र प्रशांत महासागर, दक्षिणी अमेरिका आदि रहेंगे। ग्रहण यूरोपीय देशों पर शुभ व अशुभ फल देगा।


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