रेली में अपर जिला सत्र न्यायाधीश मोहम्मद अहमद खान को स्पीड पोस्ट से धमकी भरा पत्र भेजने वाले फहीम पाकिस्तानी का कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस ने शनिवार को जेल में चुन्नीलाल से पूछताछ की, लेकिन उसने साफ कह दिया कि वह किसी फहीम पाकिस्तानी को नहीं जानता है।
अब पुलिस मुरादाबाद के उस डाकघर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, जिससे स्पीड पोस्ट से चिट्ठी भेजी गई थी। अपर जिला जज को फहीम पाकिस्तानी नाम के शख्स की ओर से स्पीड पोस्ट से भेजे गए पत्र में जिला जेल में बंद चुन्नीलाल की जमानत अर्जी मंजूर न करने पर परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई थी।
मामला सामने आने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर टीमें गठित करके फहीम की तलाश शुरू कर दी। पुलिस की एक टीम मुरादाबाद के मुर्कखपुर गांव भी पहुंची, लेकिन वहां ग्रामीणों ने बताया कि गांव में फहीम पाकिस्तानी नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता है। इसके बाद यह तो साफ हो गया कि किसी ने साजिश के तहत पत्र लिखा है।
इस मामले की जांच कर रहे दरोगा विक्रम सिंह शनिवार को अदालत से इजाजत लेने के बाद जिला कारागार गए। वहां चुन्नीलाल से पूछताछ की। चुन्नीलाल ने दरोगा को बताया कि वह किसी भी फहीम को नहीं जानता है। उसने किसी से कोई रंजिश होने से भी साफ इनकार किया। चुन्नीलाल का तो यह भी कहना था कि कोई इस तरह से धमकी भरा पत्र भेजकर उसे फंसाना चाहता है। पुलिस ने उसके साथ काम करने वाले कर्मचारियों के बारे में भी पूछताछ की। कई नंबरों को भी सर्विलांस पर लगाया है।
विवेचक का कहना है कि स्पीड पोस्ट मुरादाबाद के डाकघर से 11 दिसंबर को दोपहर 12.56 बजे की गई है। पुलिस अब डाकघर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। 11 दिसंबर को डाकघर में आने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इनमें से कई लोगों के नंबर भी सर्विलांस पर लगाए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही पत्र भेजने वाले को पकड़ लिया जाएगा। इधर, शनिवार को चुन्नीलाल के मुकदमे की तारीख भी थी। अपर जिला जज के अवकाश पर होने की वजह से मामले की सुनवाई अब 23 दिसंबर को होगी। चुन्नीलाल महिला कल्याण विभाग के मुरादाबाद ऑफिस में बाबू है। भ्रष्टाचार के एक मामले में वह इन दिनों बरेली जिला जेल में बंद है।
पत्र मिलने के बाद जज ने एसएसपी से गनर देने और आवास पर भी सुरक्षा का बंदोबस्त करने के लिए कहा था। इसके बाद शनिवार सुबह पुलिस लाइन से एक गनर जज को दे दिया गया। हालांकि उनके आवास पर अभी कोई सुरक्षा दस्ता तैनात नहीं किया गया है।
विवेचक ने जेल में जाकर चुन्नीलाल से पूछताछ की, लेकिन उससे पत्र भेजने वाले कथित फहीम पाकिस्तानी के बारे में कुछ पता नहीं चला। चुन्नीलाल सात महीने से जेल में है। कोरोना की वजह से उसकी किसी से मुलाकात भी नहीं हो सकी है।