बिकरू कांड में आरोपी खुशी के मामले की सुनवाई अब माती स्थित बाल न्यायालय में होगी। किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी से बातचीत के बाद यह माना है कि उसे अपराध की समझ थी। वह हाईस्कूल तक शिक्षित है। वह अपराध के परिणाम को भी समझती थी।
मामले की सुनवाई के लिए पत्रावली बाल न्यायालय स्थानांतरित कर दी गई है। वहीं खुशी के अधिवक्ता ने इस आदेश के विरुद्ध बाल न्यायालय में अपील करने की बात कही है। बिकरू कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे।
मुख्य आरोपी विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की पत्नी खुशी को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। किशोर न्याय बोर्ड ने उसे नाबालिग पाया है। सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही थी। 17 दिसंबर को बोर्ड ने उसकी मानसिक स्थिति के प्रारंभिक निर्धारण के लिए बातचीत की थी।
इसके बाद किशोर न्याय बोर्ड यह मान रहा है कि खुशी अपराध को समझने की स्थिति में थी। उसे पूरी तरह से समझ है। उसके कृत्य को नासमझी में किया गया कार्य नहीं कहा जा सकता है। किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट साक्षी गर्ग ने मामले की सुनवाई के लिए पत्रावली बाल न्यायालय स्थानांतरित कर दी है।
खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि किशोर न्याय बोर्ड के निर्णय के विरुद्ध बाल न्यायालय में अपील करेंगे। खुशी का मनोवैज्ञानिक परीक्षण पैनल व विशेषज्ञों से कराने की मांग की जाएगी।