सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होती दिखा नहीं रही हैं। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री के अमेठी और राजधानी लखनऊ स्थित घर पर एक साथ छापेमारी की। इसके अलावा की तीसरी टीम राजधानी में विभूति खंड स्थित गायत्री के बेटे के ओमेक्स के ऑफिस पर दस्तावेजों को खंगाल रही है। इसके अलावा गायत्री के ड्राइवर रामराज और कानपुर में यूसी खंडेलवाल के घर भी टीम पहुंची है। टीम इलाहाबाद से आई है।
बता दें कि वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाई थी। वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपए के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं थीं। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति वर्तमान में दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद हैं। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने 15 मार्च 2017 को पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और तब से वह जेल में हैं।
खनन घोटाले में अगस्त 2019 में की FIR को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद, बी.चंद्रकला समेत पांच अधिकारियों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद जांच में 22 ऐसी बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली, जो मंत्री रहते हुए प्रजापति ने अपने करीबियों के नाम पर खरीदी थी। ये संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर हैं।
बुधवार सुबह प्रयागराज के के अधिकारी अमेठी कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कालोनी स्थित गायत्री प्रसाद के घर पर पहुंचे। जहां बेनामी संपत्तियों के दस्तावेजों और परिवार वालों से पूछताछ चल रही है। इसके अलावा टीम ने गायत्री के ड्राइवर रामराज के आवास पर भी छापेमारी की है। रामराज का घर टिकरी गांव में है। वहीं, गायत्री के रिश्तेदार हरी लाल प्रजापति व नौकर रामटहल वर्मा के घर के अंदर भी मौजूद है। वहीं,की एक टीम ने कानपुर में गायत्री प्रजापति के CA यूसी खंडेलवाल के घर पर छापेमारी की है। स्वरूप नगर के नागेश्वर अपार्टमेंट में टीम खंडेलवाल से पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के अनुसार इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि संपत्तियां खरीदने के लिए धन किन स्रोतों से आया? उनसे आयकर रिटर्न और बैंक खातों के संबंध में भी जानकारी ली जाएगी। ऐसी ज्यादातर संपत्तियां भवन, भूखंड और फ्लैट के रूप में है।