प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इसका फायदा यह होगा कि कानपुर-दिल्ली रूट पर ट्रेनें लेट नहीं होंगी। मालगाड़ियां भी समय पर पहुंच सकेंगी।
इसका ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर प्रयागराज के सूबेदारगंज में है। यह एशिया का सबसे बड़ा कंट्रोल सेंटर है। इसमें आधुनिक इंटीरियर्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका डिजाइन भी शानदार है। यह बिल्डिंग इको फ्रेंडली है। इस कंट्रोल रूम से के पूर्वी कॉरीडोर में चलने वाली मालगाड़ी ट्रेनों की निगरानी की जाएगी। इस पूरे कॉरीडोर की लंबाई 1,856 किलोमीटर है। के मुख्य महाप्रबंधक पूर्व ओम प्रकाश ने इसकी खूबियों के बारे में बताया।
दिल्ली-हावड़ा रूट पर क्षमता से अधिक ट्रेनों के संचालन की वजह से ही मालगाड़ी के लिए अलग रूट बनाया जा रहा है। 2022 तक का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद पंजाब के लुधियाना से लेकर पश्चिमी बंगाल के दानकुनी तक मालगाड़ियों को अलग रास्ता मिल जाएगा। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के पास सूबेदारगंज में मार्च 2017 में के कंट्रोल रूम का शिलान्यास हुआ था। कंट्रोल रूम में मीटर की चार स्क्रीन लगाई गई है। इन स्क्रीन पर लुधियाना से लेकर दानकुनी के बीच चलने वाली सभी मालगाड़ियों की स्थिति दिखाई देगी। इस कंट्रोल रूम को 75 करोड़ रुपए में तैयार करवाया गया है।
23 सितंबर 2019 से के कंट्रोल सेंटर से अब तक दो हजार मालगाड़ियों की निगरानी की जा चुकी है। यहां भाऊपुर से खुर्जा के बीच कुल 351 किमी लंबे रूट पर ट्रायल के रूप में मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ाकर सौ किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है। जून 2022 तक लुधियाना से पश्चिमी बंगाल के दानकुनी तक कुल 1856 किमी लंबा यह रूट पूरी तरह तैयार हो जाएगा। मार्च 2021 तक इस रूट के 40 फीसदी मार्ग पर मालगाड़ी की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
- कॉरिडोर के बनने से व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिल जाएगी। अलग रूट होने की वजह से सामानों की आवाजाही में समय कम होगा। इंडस्ट्रियल कारपोरेशन अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा का कहना है कि माल की ढुलाई के लिए अलग कॉरिडोर तैयार होने से हम अपने सामानों को प्रदेश और देश के कोने कोने में पहुंचाने में और सक्षम हो जाएंगे। कम समय में अधिक से अधिक सामान पहुंचेंगे। इससे इनकी डिलीवरी में भी सरलता होगी।
- कारोबारी राकेश कुमार जायसवाल का कहना है कि केंद्र सरकार की कृषि नीति में जिस तरह से किसानों को देश एवं प्रदेश के अन्य शहरों और राज्यों में अपने अनाज की सप्लाई करने की छूट मिली है। उसमें इस तरह के व्यवस्था सार्थक साबित होगी और किसानों के लिए मददगार होगी।