प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आकाशवाणी पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। यह इस कार्यक्रम का 72वां और 2020 का आखिरी संस्करण है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की ‘मन की बात’ एक प्रकार से 2020 की आखिरी ‘मन की बात’ है। पीएम मोदी ने कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। उन्होंने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है आत्मनिर्भरता।
इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल के कैदियों का भी जिक्र किया और उनकी सराहना की। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में कौशांबी जेल के कैदियों का प्रयास बेहद सराहनीय है।
पीएम मोदी ने कहा कि कौशांबी जिला जेल के कैदी बेमिसाल काम कर रहे हैं। वहां पर कैदी गाय और अन्य जानवरों को ठंड से बचाने के लिए फटे बेकार कंबलों को जूट के बैग या अन्य उत्पादों के साथ सिलकर कोट बना रहे हैं।
इन कंबलों को कौशांबी और आसपास के जिलों से एकत्र किया जाता है। इसके बाद इन्हें सिलकर जानवरों के लिए कोट बनाया जाता है। इन कोटों को पास की गौशाला में भेजा जाता है। यहां एक हफ्ते में अनेकों कवर बनाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आइए दूसरों और बेजुबानों की देखभाल के लिए सेवाभाव से भरे इस प्रकार के प्रयास को हम सभी लोग प्रोत्साहित करें। पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोगों में परिवर्तन आ रहा है। देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इसी नए सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भर है। हम सब आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लें।
कौशांबी जेल के कैदियों के प्रयास को मन की बात कार्यक्रम में उल्लेखित करने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी को सुनना दिव्य अनुभूति प्रदान करता है। आज आपके द्वारा गो-माता को ठंड से बचाने हेतु कौशांबी जेल के कैदियों द्वारा तैयार किए जा रहे कवरों की चर्चा से अनेक लोग प्रेरित होंगे। आपका हार्दिक धन्यवाद।