बिकरू कांड के आरोपी व पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश ने बुधवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने बताया कि आरोपी को रिमांड पर लेकर अब पूछताछ की जाएगी।
बता दें, इसके पहले दीप प्रकाश 19 दिसंबर को भी कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचा था लेकिन पुलिस को भनक लग गई जिससे वह एक बार फिर फरार हो गया। दीप प्रकाश पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उस पर लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में जालसाजी समेत कई धाराओ में मामले दर्ज हैं।
इसके पहले मंगलवार को विकास दुबे के कुछ और नजदीकी लोगों के असलहों के लाइसेंस मंगलवार को जिलाधिकारी की कोर्ट में सुनवाई के बाद निरस्त कर दिए गए। अंजलि दुबे, बाबू सिंह, अखिलेश कुमार उर्फ छोटे शुक्ला और रामचंद्र का लाइसेंस निरस्त हुआ है। इससे पहले भी विकास दुबे से जुड़े एक दर्जन से अधिक लोगों के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं।
बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र कुमार मिश्र ने आईपीएस अनंत देव पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए थे। सीओ की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद इसका खुलासा हुआ है। एसआईटी को जांच में भ्रष्टाचार के साक्ष्य भी मिले हैं। इन रिकॉर्डिंग को एसआईटी ने अपनी जांच में शामिल किया है। वारदात के बाद तीस से अधिक कॉल रिकॉर्डिंग अब तक वायरल हो चुकी हैं। इसमें शहीद सीओ की पूर्वी डीजीपी, जय बाजपेई समेत अन्य कई अफसरों की बातचीत की रिकॉर्डिंग है।
सीओ ने जिससे भी बात की, उससे अनंत देव के बारे में कुछ न कुछ जरूर कहा। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। घर बनवाने से लेकर तमाम प्रापर्टी बनाने व सांठगांठ करने का भी जिक्र किया। इसी आधार पर एसआईटी की सिफारिश पर अनंत देव के कार्यकाल की जांच हो रही है। माना जा रहा है कि इस जांच के बाद विजिलेंस जांच शुरू होगी।