जयहिंद युवा सेना खेल मैदान में हर साल मनाया जाता है भारतीय सेना विजय दिवस

 


रायबरेली । रि० सुबेदार  पवन सिंह संस्थापक जयहिन्द युवा सेना ने सभी युवाओं को भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम के बारे में बताया कि जब पाकिस्तानी सेना ने जनरल एएके नियाजी की लीडरशिप में पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश पर आक्रमण कर दिया और तत्कालीन बांग्लादेश के राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर लिया और जनता के साथ बर्बर्तापूर्ण कार्रवाई शुरू कर दिया । इस अमानवीय घटना से आहत होकर स्व0 श्रीमती इंदिरा गांधी तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को युद्ध का आदेश दिया 3 दिसंबर 1971 को जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा की कमान में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला कर दिया । यह युद्ध 13 दिन तक चला भारतीय सेना के लगातार हवाई हमले और सैनिकों के सामने पाकिस्तानी सेना टिक ना सकी । आज ही के दिन 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ जनरल जगजीत सिंह के सामने हथियार डाल दिए और आत्म समर्पण कर दिया और भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को युद्ध बंदी बना लिया इस तरह से पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और फिर बना बांग्लादेश ।

सुबेदार सिंह ने बताया कि इस जीत के लिए भारतीय सेना ने बहुत बड़ी कुर्बानी और शहादत भी दी है । इस कुर्बानी और शहादत बैसवारा रायबरेली के सिपाही शिव प्रसाद , सिपाही गनीर अहमद , सिपाही बलवान सिंह , सिपाही देवी बक्श सिंह  आदि जांबाज सैनिकों ने भी अपनी कुर्बानी दी ।

जयहिंद युवा सेना खेल मैदान में युवाओं वालीबाल खेलने का आयोजन किया बड़ी संख्या में युवा रहे मौजूद

जयहिंद युवा सेना खेल मैदान मां भारती की रक्षा के लिए भारतीय सेना में भर्ती के लिए युवाओं की एक नर्सरी है जो गरीब युवाओं को सेना में भर्ती के लिए निशुल्क फिजिकल प्रशिक्षण देती है । सुबेदार रि पवन सिंह संस्थापक जयहिन्द युवा सेना ने युवाओं का आते प्रशिशण लेकर सेना में भर्ती हो ।