हाड़ कंपा देने वाली ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। इसके बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा है। किसानों का कहना है कि चाहे ठंड पड़े या बारिश जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी हम वापस नहीं जाएंगे। वहीं कल किसानों के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली, जिसके बाद किसान कह रहे हैं कि अब तो वह बिना अपनी मांगें पूरी किए वापस नहीं जाएंगे। दूसरी तरफ बुधवार की सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट आज फिर किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को नोटिस जाना है और सुझाव दिया है कि इस मामले को शीतकालीन अवकाश के लिए अदालत की अवकाश पीठ के समक्ष रखा जाए। इससे पहले भारत के मुख्य न्यायधीश ने ये भी कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से यहां के लोग भूखे रह सकते हैं। आपका(किसानों) मकसद बात करके पूरा हो सकता है। सिर्फ विरोध प्रदर्शन पर बैठने से कोई फायदा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं।एक चिंता का विषय है, वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते।
भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को नोटिस जाना है और सुझाव दिया है कि इस मामले को शीतकालीन अवकाश के लिए अदालत की अवकाश पीठ के समक्ष रखा जाए। इससे पहले भारत के मुख्य न्यायधीश ने ये भी कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से यहां के लोग भूखे रह सकते हैं। आपका(किसानों) मकसद बात करके पूरा हो सकता है। सिर्फ विरोध प्रदर्शन पर बैठने से कोई फायदा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं। एक चिंता का विषय है, वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते।
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता के पदाधिकारी चिल्ला बॉर्डर पहुंचे थे और आज यहां सैकड़ों की संख्या में आने की बात कही गई थी। इसी के तरह गुरुवार को पुलिस से बचते-बचाते किसान नोएडा पहुंचने में सफल रहे। किसानों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित तमाम पदाधिकारियों को रातों-रात नजरबंद किया गया। किसान सेक्टर-15 पार्क में एकत्रित होकर चिल्ला की तरफ बढ़ने लगे तभी पुलिस ने बीच रास्ते में ही उन्हें रोक लिया है, जिसके बाद किसान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की तमाम सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर डाली गई जनहित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले ही सुनवाई कर रही है ऐसे में उसकी सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है।
चिल्ला बॉर्डर पर किसान यूनियन अंबावत के लोगों को धरनास्थल पर जाने से पुलिस रोक रही है। पुलिस किसानों को समझाने की कोशिश कर रही है। अंबावत यूनियन ने आज चिल्ला बॉर्डर पर नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को भी बंद करने का एलान किया है।