गली में चुभी सुई का दर्द भी राज्यस्तरीय खिलाड़ी उमेर खान का हौसला नहीं तोड़ पाया। टेलर की दुकान पर पूरे दिन महिलाओं के कुर्तों में काज बनाने और बटन लगाने का काम करने वाला 12 साल का टेबल टेनिस खिलाड़ी उमेर खान भले ही पहले राउंड का मैच हार गया, लेकिन अपने खेल से उसने खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया।
आगरा के वजीरपुरा निवासी उमेर खान टेलर की दुकान पर पूरे दिन काम करता है। इसके बाद रात आठ बजे से दस बजे तक टेबल टेनिस खेलने का अभ्यास करता है। उमेर ने बताया कि परिवार में आठ सदस्य एक ही कमरे में रहते हैं। यूपी स्टेट रैंकिंग में पिछले साल कैडेट वर्ग में उमेर का पांचवां स्थान रहा है। साथ ही पिछले साल हुई चैंपियनशिप में उमेर ने सेमीफाइनल तक का सफर भी पूरा किया था।
इस बार चैंपियनशिप में पहले राउंड में बाहर हो जाने के बाद उमेर का कहना था कि मैं मैच हारा हूं, हौसला नहीं। मैच खेलने से एक दिन पहले ही उमेर के हाथ में बटन लगाते समय काफी तेज सुई चुभी थी। इस कारण उनकी उंगली में काफी दर्द था। इसके बाद ही उन्होंने मैच खेलना नहीं छोड़ा।
पैंथर टीटी क्लब के कोच सौरभ पोद्दार ने कहा कि उमेर का खेल देखने के बाद मुझे लगा कि वह काफी अच्छा खेल सकता है। उसने मेरे पास आना शुरू कर दिया। पूरे दिन कुर्तों में बटन लगाने और काज बनाने के बाद एक दिन की छुट्टी भी नहीं करता है। रोज दो से तीन घंटे अभ्यास करता है। एकेडमी की ओर से उन्हें निशुल्क सुविधाएं दी जा रही है।
राज्यस्तरीय टीटी खिलाड़ी उमेर खान ने कहा कि मैं जो भी कमाता हूं, वो मेहनताना मेरी मां को दे दिया जाता है। मेरा सपना है कि एक दिन में भारत के लिए खेलूं। इस चैंपियनशिप के बाद मैं अभ्यास का समय भी बढ़ाऊंगा।