पढ़िए इस होनहार शिक्षक की कहानी



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता संदेश से प्रभावित शिक्षक मनीष कुमार सिंह उर्फ बंटी के लिए नगर की सफाई उनकी दिनचर्या बन गई है। वह रोजाना सुबह दो घंटे तक नगर की गलियों और मलिन बस्तियों में सफाई करते हैं, फिर स्कूल पहुंच कर शिक्षण कार्य में जुट जाते हैं। विद्यालय से आने के बाद युवाओं को नशा मुक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। उनके इस अभियान से अब तक करीब 36 युवा नशे को छोड़ चुके हैं।

लार नगर के बौली वार्ड निवासी मनीष कुमार सिंह ब्लॉक के चौमुखा पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। एक साल पहले दो अक्तूबर 2019 को मनीष ने गांधी जयंती पर नगर में साफ-सफाई करने का अनवरत संकल्प लिया। अब यह कार्य उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया है। इसके लिए वह भोर में साढ़े तीन बजे उठकर सड़कों पर दौड़ लगाने के बाद तड़के पांच बजे से हाथों में झाड़ू लेकर नगर के अलग-अलग वार्डों में पहुंचते हैं। वहां फैले कूड़े के ढेर व सार्वजनिक शौचालयों की सफाई करते हैं।

इसके बाद नहा-धोकर समय से विद्यालय पहुंचकर शिक्षण कार्य में लीन हो जाते हैं। स्कूल से वापसी के बाद युवाओं को नशा मुक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान मनीष ने प्रवासी मजदूरों को भोजन, असहाय लोगों में राशन किट का वितरण किया था। अब सर्दी के मौसम में जरूरतमंद लोगों में स्वेटर बांट रहे हैं। शिक्षक के इस अनूठे प्रयास की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।



पानी की बर्बादी को देख शिक्षक ने अपने घर के बगल में जल संचयन का प्रबंध कर लिया। इसके लिए उन्होंने तालाब खुदवा व अन्य उपकरण लगवाकर बर्बाद हो रहे पानी का संचयन करना शुरू कर दिया। मनीष बताते हैं कि स्नान और बारिश के बाद बेकार जा रहे पानी को देखा और संचयन कर इसे उपयोग में लाने पर सोचा। इसके लिए हमने तालाब खोदवाकर जल संचयन शुरू किया। अब पानी का एक भी बूंद बर्बाद नहीं होता है। एकत्र हुए पानी को आसपास के पशु-पक्षी पीते हैं। वहीं पक्षियों को दाना खिलाते हैं। शिक्षक के इस कार्य में सभासद पत्नी रीमा सिंह हाथ बंटाती हैं।

नशा मुक्ति को लेकर शिक्षक द्वारा जागरूकता फैलाने से प्रभावित होकर अजय राजभर, इंद्रासन, रूदल, मुन्ना, रमा राजभर, ओपी सहित तीन दर्जन से अधिक लोग नशे की लत को छोड़ चुके हैं। अब ये लोग भी नशा मुक्ति के प्रति आसपास के लोगों को जागरूक कर रहे हैं।