सिंघु बॉर्डर पर बिलकुल मेले जैसा माहौल


 


दिल्ली से हरियाणा को जोड़ने वाला सिंघु बॉर्डर बीते एक पखवाड़े से बंद है। हरियाणा और पंजाब से आए किसानों के लिए यही जगह सबसे बड़ा प्रदर्शन स्थल बनी हुई है। लेकिन किसानों के समर्थन में जब आज पूरा भारत बंद है तो इसी सिंघु बॉर्डर पर बिलकुल मेले जैसा माहौल बना हुआ है। लगभग सारी दुकानें बंद हो चुकी हैं मगर लंगरों के चलते कहीं कोई कमी नहीं दिखाई पड़ रही।


आज सुबह से ही सिंघु बॉर्डर पर रोज की तरह लंगर शुरू हो गए हैं। कहीं गोभी के पराठे बनाए जा रहे हैं, कहीं सैंडविच बन रहे तो कहीं पूड़ी-सब्जी का लंगर बांटा जा रहा है। अलग-अलग संस्थाओं की ओर से यहां आए किसानों के लिए कई तरह की चीजें वितरित की जा रही हैं।



पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड के एक तरफ सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं और दूसरी तरफ किसानों की मीलों लंबी कतार है। किसानों की इस कतार के आस-पास ही ‘संघर्ष का जश्न’ चल रहा है, जो बिलकुल किसी मेले जैसा लग रहा है। हर थोड़ी दूरी पर एक स्टॉल लगा था और हर स्टॉल पर लोगों की भीड़ थी। पूरे भारत में जहां आज सड़कें लगभग सुनसान नजर आईं, वहीं सिंघु बॉर्डर पर आज सड़क में पैर रखने की भी जगह नहीं है।


सबसे ज्यादा भीड़ खालसा एड के स्टॉल पर नजर आ रही हैं क्योंकि यहां कभी काजू-बादाम के पैकेट बंट रहे हैं, कभी देशी घी की बनी पिन्नियाँ तो कभी प्रदर्शनकारियों के लिए तौलिए-चप्पल, साबुन और मास्क जैसी चीजें बंट रही हैं। दिलचस्प ये भी है प्रदर्शन स्थल पर लंगर खाने वालों में जितनी संख्या बाहर से आए किसानों की है लगभग उतनी ही संख्या आस-पास के गांव से पहुंचे लोगों और बच्चों की भी है।


सिंघु बॉर्डर पर दुकानें भी बाकी दिनों की तरह खुली ही नजर आती हैं। हालांकि, यहां कई दुकानें आज भारत बंद के चलते बंद की गईं लेकिन कई दुकानदार ऐसे भी थे जिन्होंने पहले प्रदर्शन कर रहे किसानों की सुविधा के लिए ही आज भी दुकानें खुली रखी थीं मगर बाद में बंद कर दी।


मोबाइल चार्जर और केबल की स्टॉल लगाने वाले संतोष का कहना था, ‘यहां जो लोग आए हैं वो कई दिन पहले घरों से निकले थे और कई लोग अपना चार्जर या केबल लेकर नहीं आए हैं। इन चीजों की जरूरत आजकल सबसे ज्यादा होती है। किसानों की सुविधा के लिए ही मैंने यहां स्टॉल लगाया