उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे की चाकरी करना शिवराजपुर के ग्राम विकास अधिकारी (VDO) को महंगा पड़ गया। SIT की रिपोर्ट के आधार पर DDO ने गुरुवार उन्हें निलंबित कर दिया। उन्हें बिधनू ब्लॉक से संबद्ध कर दिया गया है। VDO और विकास के बीच अच्छी जुगलबंदी थी। दोनों के बीच फोन पर बातचीत के साक्ष्य मिले थे। शिवराजपुर के BDO पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इस पर शासन फैसला करेगा।
ग्राम विकास अधिकारी अमित कटियार के पास बिकरू समेत कई गांवों की जिम्मेदारी थी। SIT ने जांच में पाया कि उनकी विकास से फोन पर बातें होती थीं। शासन की योजनाओं में विकास की ही मनमानी चलती थी। पात्रों को लाभ नहीं मिल पाता था। विकास अपने हिसाब से पात्रता सूची तय करता था।
आरोप है कि अमित वही करते थे जो विकास कहता था। दुबे ही गांव में आवास, पेंशन, शौचालय की सूची तय करता था। चयन में विकास के अपने मानक थे। उसके दरबार में हाजिरी लगाने वाले लोगों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता था। बिकरू के कई लोगों ने SIT के सामने बयान दर्ज कराया था। शासन ने CDO को कार्रवाई के आदेश दिए थे।
जिला विकास अधिकारी जीपी गौतम के मुताबिक, SIT ने माना कि विकास की अमित से लगातार बातचीत होती थी। विकास अमित को निर्देश देता था। मामले की जांच BDO घाटमपुर एसएन सिंह को दी गई है।