भारत तिब्बत सहयोग मंच ने"आक्रोश दिवस "के रूप में मनाया अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस


कानपुर। भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस "आक्रोश दिवस"के रूप में सगोष्ठी का आयोजन कर मनाया गया।

चीन द्वारा तिब्बती लोगो के ऊपर किये गये अत्याचारों के विरोध स्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर मंच द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। श्री चित्रगुप्त धर्मशाला गोविन्द नगर में कानपुर संगोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी में केशव नगर के संघ चालक श्री प्रबल प्रताप सिंह जी अपने पाथेय में भारत के लिये तिब्बत का महत्व पर प्रकाश डाला और चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा कर लिए , बौद्ध धर्मगुरु   दलाईलामा जी को भारत मे शरण लेनी पड़ी।


आर एस एस के कानपुर विभाग बौद्धिक प्रमुख ने अपने मार्गदर्शन में संबोधित करते हुए कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्य व उद्देश्य देश के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। जिसमे चीन की विस्तार वाद का विरोध अति अवयश्यक हैं एवं तिब्बती लोगो को अपने अधिकार मिलने चाहिए।

मंच के प्रान्त अध्यक्ष अतुल निगम में कहा कि कैलाश मानसरोवर की आजादी, चीनी वस्तुओं का बहिष्कार एवं देश की सुरक्षा मंच का मुख्य उद्देश्य हैं साथ मे समाज सेवा, पर्यावरण सुरक्षा पर भी भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रत्येक कार्यकर्ता पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं। कानपुर प्रान्त उपाध्यक्षा मातृ मण्डल अभिलाषा तिवारी ने संगोष्ठी में तिब्बतियों को मानवाधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करने का आवाहन किया। मंच के कानपुर महानगर अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने मंच के आगामी कार्यक्रमो की रूपरेखा बताते हुए संगठन में नए पदाधिकारियो का परिचय कराया। संगोष्ठी का संचालन कानपुर महानगर के महामंत्री रिपुसूदन निगम ने किया। संगोष्ठी में प्रमुख रूप से पंकज तिवारी, संजय श्रीवास्तव, नवीन तुलसियान, महेंद्र निगम, नीतू सिंह सेंगर, अर्चना सक्सेना, मीनाक्षी पांडेय, पिंकू निगम, करुणा गौतम, नेहा गौतम, अमित बाजपेई, श्रीयंस आदि ने संगोष्ठी में भाग लिया।