व्हाट्सएप कॉलिंग की वजह से पकड़े नहीं गए इरफान सोलंकी


सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी आत्मसमर्पण के दौरान काफी भावुक दिखे। इस दौरान उनका पूरा परिवार मौजूद रहा। इस बीच विधायक अपने परिवार के गले मिलकर खूब रोये और कहा कि वह बेगुनाह हैं। इरफान ने बताया, यूपी से फरारी के बाद दिल्ली, मुंबई और फिर हैदराबाद में रुके। ट्रक से हैदराबाद पहुंचा था। मैंने 7 सिमकार्ड बदले, चार मोबाइल का बदल-बदल कर इस्तेमाल किया। हमेशा वॉट्सऐप कॉलिंग करता था जिससे पुलिस मुझे ट्रेस न कर सके।''मीडिया ने विधायक से बातचीत करने की कोशिश की तो वह भाउक होकर रोने लगे, लेकिन बोले कुछ भी नहीं। इसके बाद उनकी कार सीधे पुलिस आयुक्त आवास में कार्यालय के बाहर जाकर रुकी। कार से उतरते ही पत्नी नसीम सोलंकी, मां खुर्शिदा बेगम, बहन रुबी ने गले लगा लिया। यहां भी विधायक खुद हो रोक नहीं सके। इसके बाद पुलिस आयुक्त के कार्यालय के अंदर विधायक अपनी बेटियों से मिले। आगजनी मामले में इरफान और रिजवान दोनों आरोपी हैं। दोनों के खिलाफ विवेचना में पुलिस के पास कई ठोस सबूत हैं। विवेचक ने अब तक की विवेचना की प्रगति के आधार पर केस डायरी भी कोर्ट में पेश की। इसके आधार पर कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दे दिया।