कानपुर। मालवीय पार्क हरबंस मोहाल में श्री राम सेवा समिति एवं कानपुर प्रेस क्लब के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस में कथा व्यास पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने भगवान की कथा का प्रारंभ बाल लीलाओं से किया भगवान का अवतार इस धारा धाम पर अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए होता है भगवान सर्वप्रथम मथुरा में देवकी और वासुदेव पर कृपा करके कंस की कारागार में पधारे भगवान की प्रेरणा से वासुदेव जी भगवान कृष्ण को लेकर गोकुल आए और नंद बाबा के यहां छोड़कर जहां धूमधाम से बाबा नंद ने लाल के जन्म का उत्सव मनाया। भगवान ने जन्म के 6 दिन के अंदर ही कंस द्वारा भेजी राक्षसी पूतना का वध कर दिया और उसे अपने श्री चरणों में स्थान दिया यह भगवान की दयालुता का प्रतीक है। वासुदेव जी की प्रेरणा से गर्गाचार्य जी ने आकर भगवान का नामकरण संस्कार किया रोहिणी के पुत्र का नाम बलराम और यशोदा के पुत्र का नाम कृष्णा रखा कृष्ण का अर्थ होता है जो जीव के चित्त को अपनी ओर आकर्षित करें वही कृष्ण है भगवान ने तृणावर्त को मार कर वायु तत्व को शुद्ध किया भगवान बाल लीला करते हुए कभी मैया से चंद्रमा मांगने लगते हैं और मैया के न देने पर भूमि में लोट जाने की धमकी देते हैं गोपिकाओं के निवेदन पर भगवान उनके घर जाकर माखन खाते हैं माखन चोरी लीला के अंतर्गत भगवान ने अपनी गोपिकाओं का मन ही अपनी ओर आकर्षित किया है काली नाग के प्रभाव से जब यमुना का जल दूषित हो गया तब भगवान ने काली नागको नाथ कर यमुना के जल को शुद्ध किया भगवान की यह लीला हमें जल तत्व की महिमा को समझता है आज समाज में हमें जल संरक्षण की आवश्यकता पड़ रही है जबकि विचार किया जाए तो हमारे पास अगाध जल का सागर समुद्र है परन्तु फिर भी आज हमारे आसपास का जल दूषित होता जा रहा है बिना जल के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है भगवान ने गोचारण किया और गोपाल कहलाए गाय के शरीर में 33 कोटी देवी देवताओं का वास होता है गाय जहां रहती है वहां का सारा वास्तु दोष समाप्त हो जाता हैभगवान ने इंद्र की पूजा बंद करा कर गिरिराज गोवर्धन की पूजा प्रारंभ कराई सभी ग्वाल बालों ने मिलकर गिरिराज जी का पूजन किया जब इन्द्र को यह समाचार मिला तो इन्द्र ने ब्रज में वर्षा करवायी तो भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका उंगली पर धारण किया और भगवान गिरधारी कहलाए इस अवसर पर श्री राम सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज बाजपेई द्वारा भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए। तथा जुगुल किशोर बाजपेई, और श्री मती मीरा बाजपेई द्वारा गिर्राज भगवान का पूजन किया गया। इस अवसर पर रजत बाजपेई (पार्षद ) अभय पाठक , उज्जवल गुप्ता , दिनेश तिवारी, विपिन दीक्षित, अंशु वर्मा,रोहित पांडे, आदि हजारों भक्त उपस्थित रहे।
कानपुर। मालवीय पार्क हरबंस मोहाल में श्री राम सेवा समिति एवं कानपुर प्रेस क्लब के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस में कथा व्यास पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने भगवान की कथा का प्रारंभ बाल लीलाओं से किया भगवान का अवतार इस धारा धाम पर अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए होता है भगवान सर्वप्रथम मथुरा में देवकी और वासुदेव पर कृपा करके कंस की कारागार में पधारे भगवान की प्रेरणा से वासुदेव जी भगवान कृष्ण को लेकर गोकुल आए और नंद बाबा के यहां छोड़कर जहां धूमधाम से बाबा नंद ने लाल के जन्म का उत्सव मनाया। भगवान ने जन्म के 6 दिन के अंदर ही कंस द्वारा भेजी राक्षसी पूतना का वध कर दिया और उसे अपने श्री चरणों में स्थान दिया यह भगवान की दयालुता का प्रतीक है। वासुदेव जी की प्रेरणा से गर्गाचार्य जी ने आकर भगवान का नामकरण संस्कार किया रोहिणी के पुत्र का नाम बलराम और यशोदा के पुत्र का नाम कृष्णा रखा कृष्ण का अर्थ होता है जो जीव के चित्त को अपनी ओर आकर्षित करें वही कृष्ण है भगवान ने तृणावर्त को मार कर वायु तत्व को शुद्ध किया भगवान बाल लीला करते हुए कभी मैया से चंद्रमा मांगने लगते हैं और मैया के न देने पर भूमि में लोट जाने की धमकी देते हैं गोपिकाओं के निवेदन पर भगवान उनके घर जाकर माखन खाते हैं माखन चोरी लीला के अंतर्गत भगवान ने अपनी गोपिकाओं का मन ही अपनी ओर आकर्षित किया है काली नाग के प्रभाव से जब यमुना का जल दूषित हो गया तब भगवान ने काली नागको नाथ कर यमुना के जल को शुद्ध किया भगवान की यह लीला हमें जल तत्व की महिमा को समझता है आज समाज में हमें जल संरक्षण की आवश्यकता पड़ रही है जबकि विचार किया जाए तो हमारे पास अगाध जल का सागर समुद्र है परन्तु फिर भी आज हमारे आसपास का जल दूषित होता जा रहा है बिना जल के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है भगवान ने गोचारण किया और गोपाल कहलाए गाय के शरीर में 33 कोटी देवी देवताओं का वास होता है गाय जहां रहती है वहां का सारा वास्तु दोष समाप्त हो जाता हैभगवान ने इंद्र की पूजा बंद करा कर गिरिराज गोवर्धन की पूजा प्रारंभ कराई सभी ग्वाल बालों ने मिलकर गिरिराज जी का पूजन किया जब इन्द्र को यह समाचार मिला तो इन्द्र ने ब्रज में वर्षा करवायी तो भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका उंगली पर धारण किया और भगवान गिरधारी कहलाए इस अवसर पर श्री राम सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज बाजपेई द्वारा भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए। तथा जुगुल किशोर बाजपेई, और श्री मती मीरा बाजपेई द्वारा गिर्राज भगवान का पूजन किया गया। इस अवसर पर रजत बाजपेई (पार्षद ) अभय पाठक , उज्जवल गुप्ता , दिनेश तिवारी, विपिन दीक्षित, अंशु वर्मा,रोहित पांडे, आदि हजारों भक्त उपस्थित रहे।