क्या ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि कोई ईमानदार पत्रकार सरकारी तंत्र की नाकामियों को लिखने की हिम्मत न जुटा पायें?
क्या ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि कोई ईमानदार पत्रकार सरकारी तंत्र की नाकामियों को लिखने की हिम्मत न जुटा पायें?